कोरबा 08 अप्रेल। महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस की संयुक्त पहल से आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में एक नाबालिग बालिका वधू बनने से बच गई। बारात आने से पहले टीम मौके पर पहुंचकर परिजनों को बाल विवाह के दंडात्मक कानूनों से अवगत कराते हुए समझाइश देकर बाल विवाह रुकवाने में सफल रही। पोड़ी-उपरोड़ा परियोजना के अंतिम वनांचल ग्राम लखनपुर के (पुरानी बस्ती ललमटिया पारा) में यादव परिवार में शादी का कार्यक्रम रखा गया था। महिला एवं बाल विकास विभाग को सूचना दी गई कि लडकी नाबालिग है।

विश्वस्त सूत्रों से सूचना मिलते ही परियोजना अधिकारी निशा कंवर ने डीपीओ रेणु प्रकाश से सूचना साझा की। डीपीओ रेणु प्रकाश ने तत्काल आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। सीडीपीओ के नेतृत्व में पर्यवेक्षक स्वाति पैकरा, स्थानीय पुलिस आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शकुन साहू, सरपंच जगदीश प्रसाद के साथ संबंधित परिवार में पहुंचे। अधिकारियों को देखकर परिजन सकते में आ गए। जहां लडकी की आयु की पुष्टि करने अंकसूची की जांच की गई। लडकी के अंकसूची में उसकी जन्मतिथि 26.07.2006 अंकित की गई थी, जिसके अनुसार लडकी की आयु 17 वर्ष 8 माह पाया गया। अधिकारियों ने परिजनों को युवती के विवाह की निर्धारित आयु 18 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत ही विवाह करने की सझाइश दी। लडके व उसके परिजन को भी सझाइश दी। साथ ही इस विधिक निर्धारित आयु से पूर्व विवाह करने पर बाल विवाह के लिए निर्धारित सजा के प्रावधानों से अवगत कराया। तब जाकर लंबी बहस के बाद परिजन माने। टीम ने शपथ पत्र भरवाकर नियम तोडने पर वैद्यानिक कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस तरह प्रशासन बारात आने से पहले बाल विवाह रोकने में सफल रहा।

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