सचिव के भ्रष्ट्र कारनामे पर सीईओ ने लिया संज्ञान
कोरबा 17 मई। पोड़ी उपरोड़ा- पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के शातिर सचिव जयसिंह मेश्राम द्वारा विगत कोरोना काल के दौरान दो पंचायत का कार्यभार देखने के दौरान आपदा को अवसर में बदल पंचायत मद की राशि से खूब वारा- न्यारा किया, जहाँ ग्राम पंचायत लैंगा में तत्कालीन रहने के दौरान सरपंच से सांठगांठ कर प्रवासी मजदूरों को 1.50 लाख का खाना, खाना बनाने वाले रसोइये को 46 हजार का भुगतान और इस दौरान 12 हजार की मिठाई भी कागजों में बांटी, वहीं ग्राम पंचायत अमलीकुंडा सरपंच के मिलीभगत से भी कुछ इसी तरह के भ्रष्ट्र कारनामे को अंजाम दिया गया। ज्ञात हो कि सचिव जयसिंह मेश्राम को पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के लैंगा व अमलीकुंडा ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी दी गई थी।
जहां विगत कोरोना काल के दौरान इन्होंने लैंगा सरपंच के सांठगांठ से कोरेनटाइन सेंटर में ठहरे प्रवासी मजदूरों को खाना खिलाने, रसोइये का भुगतान और मिठाई खरीदी का फर्जी बिल लगाकर 2 लाख 09 हजार 20 रुपए की राशि 14वें वित्त मद से आहरण कर वारा- न्यारा किया गया तो वहीं इसी दौरान अमलीकुंडा ग्राम पंचायत के निर्वाचित सरपंच मान सिंह पोर्ते से भी मिलीभगत कर सचिव जयसिंह ने मनमाने फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। जिसके मुताबित मूलभूत मद से रिचार्ज बाउचर की तिथि 02.02.2021 को कटघोरा के एक जनरल स्टोर्स से 20 हजार के मास्क- सेनिटाइजर खरीदी, 02 व 03 फरवरी 2021 की बाउचर तिथि में चांवल- दाल खरीदी का 30 हजार भुगतान, ग्राम पंचायत के लिए स्टेशनरी सहित नमकीन, मिक्चर, चाय- नास्ता पर 14वें वित्त मद से रिचार्ज बाउचर तिथि 29.12.2020- 5 हजार, 25.01.2021- 5 हजार, 08.02.2021- 5 हजार व 12.02.2021 को 5 हजार की राशि आहरण है। वहीं कोविड-19 वेक्सिनेशन कार्य हेतु वाहन किराया पर 07.09.2021 की बाउचर तिथि को 53 हजार 650 रुपए निकाला गया है। मजेदार बात तो यह है कि आपदा काल मे उक्त तमाम बचाव व राहत संसाधनों कार्य के दौरान 41 हजार 500 रुपए की मिठाई भी खरीद कर बंटवायी गई है। खरीदी गई जिस मिठाई के भुगतान की रिचार्ज बाउचर तिथि 29.12.2020 को 10 हजार, 25.01.2021 को 21 हजार व 12.02.2021 को 10 हजार 500 रुपए 15वें वित्त आयोग से आहरित करने का उल्लेख जियोटैग में है। इस प्रकार 1 लाख 66 हजार 150 रुपए की आहरित राशि से महज 25 प्रतिशत कार्य धरातल पर किये गए है जबकि 75 प्रतिशत कार्य कागजो पर कराया गया है। जिसे लेकर यहां के ग्रामीणों का कहना है कि विगत कोरोना संक्रमण काल मे पंचायत की ओर से गिने- चुने लोगों को मास्क- सेनिटाइजर बांटी गई वह भी पूरे कोरोना काल मे एक या दो बार। गिनती भर के प्रवासी मजदूरों को खाना खिलाया गया।
इसी प्रकार वेक्सिनेशन कार्य के लिए भाड़े पर नियोजित वाहन भी ज्यादा दौड़ाई नही गई और इस दौरान लाकडाउन में सभी शासकीय व निजी संस्थान बंद पड़े थे तथा लोग अपने- अपने घरों में कैद रहे फिर पंचायत में चाय- नास्ता, बिस्किट, मिक्चर किनको खिलाया गया और राष्ट्रीय पर्व की मिठाई किस- किस को बांटी गई, यह गहन जांच का विषय है। ग्रामीणों ने सरपंच- सचिव पर मनमाने कार्यों व भारी भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से अपेक्षित जांच की मांग की है। उल्लेखनीय है कि लैंगा सरपंच और सचिव जयसिंह मेश्राम के सांठगांठ से विगत कोरोना काल मे किये गए भ्रष्ट्राचार मामले को लेकर ’”लैंगा सरपंच व तात्कालीन सचिव का कारनामा, कोरोना काल मे प्रवासी मजदूरों को खिलाया 1.50 लाख का खाना, 46 हजार का भुगतान रसोइये को, 12 हजार की मिठाई भी बांटी”’ शीर्षक से गत दिनों प्रसारित खबर को पोड़ी जनपद सीईओ खगेश कुमार निर्मलकर ने गंभीरता से तो लिया और जानकारी लेकर जांच व कार्रवाई की बात भी कही, जो फिलहाल अभी लंबित है। लेकिन लैंगा व अमलीकुंडा पंचायत में किये गए एक ही तरह के भ्रष्ट्राचार को लेकर संबंधित अधिकारियों द्वारा जांच कार्रवाई की दिशा में क्या प्रतिक्रिया रहती है, यह देखने वाली बात है।