खनन प्रभावित गांव बरभांठा व पंडरीपानी में पेयजल की समस्या को लेकर सौंपा ज्ञापन

कोरबा 8 मई। प्रभावित ग्राम बरभांठा व पंडरीपानी में निवासरत ग्रामीण पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल गेवरा द्वारा अभी तक टैंकर के माध्यम से पेयजल की समस्या का निराकरण भी नहीं किया गया। इससे ग्रामीणों में असंतोष व्याप्त है। छ्त्तीसगढ़ किसान सभा ने महाप्रबंधक को पत्र सौंप नया बोर खनन करने, गांव के प्रमुख तालाब का गहरीकरण कर पानी भरने की मांग की है। समस्या निराकरण नहीं होने पर 10 मई को गेवरा खदान बंद करने की चेतावनी दी है।   

एसईसीएल गेवरा के प्रभावित ग्रामों में गर्मी शुरू होते ही पेयजल व निस्तार के लिए पानी समस्या उत्पन्न हो जाती है। जल स्तर घटने की वजह से हैंडपंप से भी पर्याप्त पानी नही मिलता है। इस पर गेवरा महाप्रबंधक के साथ जिला प्रशासन को किसान सभा पत्र सौंप पानी उपलब्ध कराने कहा है। किसान सभा के नेता दीपक साहू ने कहा कि बरभांठा और पंडरीपानी गांव में जल संकट काफी गंभीर है, गेवरा खदान के खनन के कारण दोनों गांव में जल स्तर काफी नीचे जा चुका है, जिसके कारण प्रभावित ग्रामीणों को पानी के लिए काफी भटकना पड़ रहा है। जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने कहा कि कोयला खदानों के खनन के कारण गांव के तालाब और हैंड पंप पूरी तरह सूख गये है। प्रबंधन को कोयला उत्पादन से मतलब हैए पर आम जनता की बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने में कोई रूचि नहीं है। जय कौशिक ने कहा कि खनन प्रभावित गांव में पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, प्रबंधन की लापरवाही के कारण ग्रामीणों को गर्मी में पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। सचिव प्रशांत झा ने कहा कि खनन के कारण तालाब और हैंडपंप पूरी तरह सूख गए हैं और गर्मियों में यहां के रहवासियों और पशुधन को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। यदि एसईसीएल प्रबंधन बरभांठा और पंडरीपानी में व्याप्त पेयजल संकट को दूर नहीं करता है तो ग्रामीणों के साथ किसान सभा 10 मई को गेवरा खदान बंद करने के लिए बाध्य होगी।

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