पोड़ी उपरोड़ा में पदस्थ कार्यक्रम अधिकारी की गड़बड़ी हुई उजागर

कोरबा 17 दिसम्बर। जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा में पदस्थ तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी ने बिना आला अफसरों की जानकारी के करोड़ों रुपए का भुगतान कर दिया। मामले की शिकायत जिला पंचायत सीईओ तक पहुंची थी, जिसमें जांच के आदेश दिए गए थे। जांच में तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी की गड़बड़ी उजागर हुई है। महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा में पदस्थ तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी मुरारी राम कर्मवीर (एमआर कर्मवीर) द्वारा फर्जीवाड़ा व अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने के संबंध में शिकायत की गई थी।

शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत सीईओ ने कार्यालय जिला पंचायत कोरबा छ.ग. के आदेश क्र./922/जि.पं/ मनरेगा/स्था./2023 कोरबा दिनांक 22.09.2023 के द्वारा जांच के आदेश कार्यपालन अभियंता पीएमजीएसवाई प्रभारी अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को दिए थे। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा को कार्यपालन अभियंता पीएमजीएसवाई प्रभारी अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ने जांच प्रतिवेदन सौंपा। जिसमें तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी एमआर कर्मवीर के भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई। जांच प्रतिवेदन के अनुसार दस्तावेजों के अवलोकन एवं बयानों के आधार पर यह निष्कर्ष सामने आया है कि तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी, जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा एमआर कर्मवीर द्वारा शिकायत में वर्णित अवधि दिनांक 12.09.2022 से 07.11.2022 तक बीएस राज तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा का डीएससी का उपयोग मुख्य कार्यपालन अधिकारी राधेश्याम मिर्जा और बीएस राज दोनों के बिना संज्ञान में लाये हुए मजदूरी मद में 4 करोड़ 20 लाख 49 हजार 571 रुपए, सामग्री मद में 9 लाख 84 हजार 320 रुपए, प्रशासकीय मद (वेतन व कार्यालयीन व्यय) में 33 लाख 4 हजार 548 रुपए एवं अर्द्धकुशल मजदूरी मद में 7 लाख 11 हजार 46 रुपए राशि का भुगतान किया गया है। जिसमें से मजदूरी मद के 4 करोड़ 20 लाख 49 हजार 571 रूपये का भुगतान बिना नस्ती के संधारण किये एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत से बिना अनुशंसा के किया गया है। जो कि वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। जांच दल में संतोष कुमार राठौर एनआरएम विशेषज्ञ मनरेगा जिला पंचायत, नीता बिलथरे लेखाधिकारी पीएमजीएसवाई, जुली तिर्की उप संचालक पंचायत और संतोष नाग कार्यपालन अभियंता पीएमजीएसवाई प्रभारी अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा शामिल थे। जिनकी जांच में खुलासा हुआ है।

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