एसीबी पावर प्लांट का बॉयलर फटा, एक इंजीनियर सहित 5 कर्मी झुलसे
कोरबा 17 अगस्त। कटघोरा सब डिविजन के अंतर्गत चाकाबुड़ा गांव में स्थित एसीबी पावर प्लांट में गुरुवार को कार्य के दौरान बॉयलर फटने से एक इंजीनियर सहित 5 कर्मी झुलस गए। उन्हें एसईसीएल के एनसीएच में सामान्य रूप से उपचार ही दिया जा सका। सुविधा के अभाव में अस्पताल प्रबंधन ने घायलों को कोरबा रेफर कर दिया। पीडि़तों का उपचार एनकेएच मंगलम विहार में चल रहा है।
निजी क्षेत्र की कंपनी एसीबी के द्वारा दीपका तहसील के अंतर्गत चाकाबुड़ा गांव में बिजली घर का संचालन किया जा रहा है। जहां से 270 मेगावाट बिजली उत्पादित की जा रही है। यहां पर गुरुवार को सुबह पहली शिफ्ट में कामकाज के दौरान बॉयलर सेक्शन में बड़ा हादसा हुआ। वहां पर अचानक बॉयलर में विस्फोट हो गया। इसका जबरदस्त असर हुआ और नजदीक में काम कर रहे 5 कर्मचारी इंजीनियर राजू साहू, ऑपरेटर पी.एल.पटेल, हेल्पर अजय तिर्की, आदित्य कुमार और एक अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। इसके साथ ही कोहराम मच गया और संयंत्र क्षेत्र में अफरा-तफरी की स्थिति निर्मित हो गई। आनन-फानन में प्रबंधन के बचाव दल ने अपने स्तर पर प्रयास किये और बॉयलर विस्फोट की घटना में प्रभावित 5 कर्मियों को मौके से निकाला। उनके शरीर के विभिन्न हिस्सों में झुलसने के कारण कई प्रकार के दुष्प्रभाव देखे गए। कंपनी के वाहन से पीडि़तों को तुरंत एसईसीएल के गेवरा स्थित विभागीय अस्पताल ले जाया गया। हैरानी यह हुई कि बर्न केस से जुड़ी चिकित्सा भी एशिया की बड़ी खदान के अस्पताल में मुहैया नहीं हो सकी। ऐसे में औपचारिक मलहम पट्टी के साथ पांचों घायलों को कोरबा रेफर कर दिया गया। दीपका पुलिस ने इस मामले को लेकर जांच करने की बात कही है। इधर कोरबा में पीडि़तों का उपचार चल रहा है।
औद्योगिक क्षेत्र में लंबे समय से काम करने वाले जानकार से हमने इस संदर्भ में बातचीत की और ऐसी दुर्घटनाओं से जुड़े कारणों के बारे में जानकारी ली। इस बताया गया कि बिजली घरों में बॉयलर प्लांट में स्टील की मोटी परत लगती है, जिससे अंदर का टेम्प्रेचर बाहर न आए और न बाहर के टेम्प्रेचर से अंदर कोई फर्क पड़े। मेटल कवर का पुराना या खराब होने से वो स्टीम प्रेशर को सहन नहीं कर पाता और बॉयलर में ब्लास्ट हो जाता है।