सलमा सुल्ताना मर्डर : डेड बॉडी रिकव्हर नहीं हुई है, आवश्यक अनुमति के बाद सड़क तोड़कर निकाली जाएगी – एस.पी. उदय किरण

कोरबा 14 अगस्त। यू उदय किरण, एस पी कोरबा ने बताया कि सलमा सुल्ताना की तीन आरोपियों के द्वारा हत्या कर जमीन में दफन कर देने का खुलासा हुआ है इसमें थाना कोतवाली में प्रथम सूचना रिपोर्ट 482 / 2023 धारा 302, 201, 34 का मुकदमा दर्ज किया गया। मामले में मधुर साहू कौशल श्रीवास और अतुल शर्मा गिरफ्तार किए गए हैं। मामले में एक लैपटॉप, हार्ड डिस्क और डेड बॉडी को हटाने के लिए उपयोग किया गया चार पहिया वाहन जप्त किया गया है। तीन आरोपियों को पुलिस हिरासत में लिया गया है कल उनको ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया जाएगा।

आपको बता दें कि कोरबा की न्यूज एंकर सलमा सुल्ताना लश्कर अक्टूबर 2018 में एक दिन अपने घर कुसमुंडा से कोरबा के लिए निकली तो लौट कर घर नहीं पहुंची। सलमा का परिवार अपने स्तर पर उसकी तलाश करता रहा। तीन महीने बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिला, तो फरवरी 2019 में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट कुसमुंडा पुलिस थाना में दर्ज कराई गई। पुलिस थाना स्तर पर भी सलमा की तलाश की जाती रही। लेकिन 4 साल से भी अधिक समय तक उसका पता नहीं चला। विधि के जानकारों के अनुसार अगले 6 माह तक सलमा का सुराग नहीं मिलता तो मामला दाखिल दफ्तर किया जा सकता था। क्योंकि गुमशुदगी के मामलों में 5 साल तक गुमशुदा का पता नहीं चलने पर ऐसी रिपोर्ट को दाखिल दफ्तर करने का प्रावधान है।

जप्त चार पहिया वाहन

इसे संयोग ही कहा जाएगा कि वर्ष 2023 के प्रारंभ में सिटी एस पी के पद पर प्रोबेशनर आई पी एस रॉबिन्सन गुरिया की पोस्टिंग दर्री में हुई। लम्बित प्रकरणों की समीक्षा के दौरान उनकी निगाह में सलमा सुल्ताना की गुमशुदगी का मामला आया। उन्होंने फाइल के पन्ने पलटे तो जांच की काफी संभावना दिखी। मई 2023 में रॉबिन्सन गुरिया ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली। जांच आगे बढ़ी तो उन्हें इनपुट मिला कि सलमा लापता नहीं हुई है, बल्कि उसकी हत्या कर दी गई है। सलमा के शव को कोरबा दर्री मार्ग में दफन किये जाने की टीप भी मिली। सलमा के शव की तलाश में संभावित स्थान पर जे सी बी से मिट्टी हटाने का प्रयास किया गया। लेकिन सफलता नहीं मिली। दरअसल इन पांच वर्षों में कोरबा-दर्री मार्ग पर फोरलेन सड़क का निर्माण हो गया था और निश्चित स्थान की पहचान नहीं हो रही थी। इसके बाद पुलिस ने थ्री डी स्केनर के जरिये शव को खोजने का प्रयास किया, मगर सफल नहीं हो सकी। इस बीच मई माह के अंतिम सप्ताह में मामले के दो संदेही एकाएक लापता हो गए। तब से गोपनीय रूप से उनकी तलाश की जा रही थी और दो माह से अधिक समय के बाद दोनों संदेही पुलिस की पकड़ में आ ही गये।

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