वर्कशॉप और इंडोर स्टेडियम में जल भराव से काफी नुकसान

लगातार बारिश से उपनगरीय क्षेत्रों की निचली बस्तियों में बढ़ी समस्याएं

कोरबा 03 अगस्त। 36 घंटे से लगातार मध्यम तेज रफ्तार से हो रही बारिश ने गेवरा-दीपका क्षेत्र में हालात खराब कर दिये। द्रोणाचार्य इंडोर स्टेडियम के साथ-साथ एसईसीएल के सेंट्रल वर्कशॉल के संसाधन इसकी चपेट में आए। इससे काफी नुकसाान होने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा इलाके में कई प्रकार की समस्याएं बारिश की वजह से निर्मित हुई है। एसईसीएल दीपका क्षेत्र के द्वारा द्रोणाचार्य इंडोर स्टेडियम को निर्माण गेवरा के शक्ति नगर में कराया गया है। यहां पर चार बैडमिंटन कोर्ट बनाने के साथ सुविधा के लिए वुडन कोट की व्यवस्था कराई गई है। भारी बारिश के चक्कर में यह पूरा परिसर जल भराव का शिकार हो गया। भीतरी हिस्से तक पानी के भराव होने से यहां पर मौजूद संसाधनों पर बेहद असर पड़ा है।

बताया गया कि प्रदेश में अपने तरह का यह सबसे विशेष इंडोर स्टेडियम है। जिस पर एसईसीएल कंपनी ने भारी भरकम राशि खर्च की थी। पिछले वर्षों में यहां कई प्रकार के आयोजन संपन्न कराए गए और हर किसी ने यहां की व्यवस्थाओं को सराहा। हर स्तर पर जरूरी प्रबंध करने के बावजूद हालिया बारिश में यहां पानी के घुसने की घटना ने हर किसी को चौकाया है। जानकारी यह भी मिली है कि गेवरा क्षेत्र के डम्पर वर्कशॉप में भी भारी बारिश से समस्याएं उत्पन्न हुई। यहां पर मौजूद मशीनरी और अन्य संसाधनों को परिस्थितिजन्य कारणों से नुकसान होने की खबर है। कहा जा रहा है कि अगर बारिश का क्रम इसी तरह से जारी रहा तो कोरबा जिले केे ओपन कास्ट गेवरा, दीपका विस्तार और कुसमुंडा माइंस में समस्याएं हो सकती है और इससे कोयला उत्पादन के साथ-साथ परिवहन जैसे आयाम बाधित हो सकते हैं।

निचली बस्तियों में बढ़ी समस्याएं:-अषाढ़ और प्रथम सावन में मानसून के रवैये ने लोगों को बेहद परेशान किया। अत्यंत कम बारिश होने के कारण किसानों सहित आम लोगों की चिंता में बढ़ोत्तरी हुई। खरीफ सीजन की फसल लेने वाला वर्ग इस बात से चिंतित हुआ कि खेतों में जो तैयार की गई है उसका क्या होगा। कई प्रकार के उपक्रम इस कड़ी में किये गए। इधर दूसरे सावन के लगने के साथ मौसम के तेवर बदले। पूर्णिमा से लगातार हो रही बारिश ने उमस को कम करने के साथ जमीन को ठंडा किया। खेतों में पर्याप्त पानी की पहुंच होने से रोपा लगाने से जुड़ी चुनौतियां कम हुई है। इन सबसे अलग जमकर पानी बरसने से कोरबा नगर और उपनगरीय क्षेत्रों की निचली बस्तियों में समस्याएं बढ़ी है। लोगों को डर लग रहा है कि यह क्रम जारी रहा तो कहीं और शरण लेने की मजबूरी पेश आएगी ही। हालांकि नगर निगम समस्या से निपटने के लिए गंभीर है।

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