पुराने सरकारी स्कूल जर्जर, बच्चों का भविष्य खतरे में

कोरबा 22 अगस्त। जिले में सरकारी स्कूल की हालत बेहद खराब है। यहां पर पढऩे वाले बच्चे और शिक्षकों के जान पर खतरा मंडरा रहा है। मरम्मत के अभाव में पुराने भवन बुरी तरह जर्जर हो गए है। वही कोयलांचल इलाके में संचालित स्कूल भवन खदानों में होने वाले हैवी ब्लास्टिंग के कारण थर्राए हुए है। हालात ये है कि शाला भवनों में बड़ी बड़ी दरारें पड़ गई है। छत का प्लास्टर गिर रहा है।

इस बीच शिक्षक और विद्यार्थियों अपनी जान हथेली पर रखकर पठन पाठन करने को मजबूर हैं। दीवारों पर पड़ी दरारें, छत से टूटकर गिरता प्लास्टर। ये डरावनी तस्वीर कोरबा के गोढ़ी गांव में संचालित सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल का है। इस स्कूल में आसपास के 6 गांव के बच्चे अपना भविष्य बनाने आते है। उन्हे शिक्षा देने के लिए यहां शिक्षको की भी कमी नही है। मगर इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के लिए बच्चो को अपनी जान जोखिम में डालना पड़ता है। स्कूल में कक्षा चल रही थी उसी दौरान बरामदे में छत के बड़े हिस्से से प्लास्टर टूटकर गिर गया। जिले में कुल 2226 सरकारी स्कूल है। जिसमे से 645 स्कूल भवन जर्जर है। भवनों की मरम्मत के लिए विभाग द्वारा 4 करोड़ रुपए का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। मगर अब तक फंड नहीं मिला है। जिससे दिन ब दिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। यही हालात हरदीबाजार सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल का है। खदानों में होने वाले हैवी ब्लास्टिंग के कारण भवन टूट फूट रहे है। हर रोज शिक्षक और बच्चे कृत्रिम भूकंप के झटके महसूस करते है। स्कूल भवनों की दयनीय हालत को देखते हुए पालक अपने बच्चो को स्कूल नही भेजना चाहते। वही अधिकारी जल्द समस्या का समाधान करने का दावा करते है। इस बीच बच्चो का भविष्य खतरे में पड़ गया है। छत का प्लास्टर टूटकर गिरने की यह पहली घटना नहीं है बल्कि जिले के विभिन्न इलाकों में ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी इस और गंभीर नजर नहीं आते लगता है उन्हें किसी बड़े हादसे का इंतजार है।

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