प्रदेश में लगे राष्ट्रपति शासन.. भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष रौशन सिंह ने राज्यपाल को लिखा पत्र

  • टूल किट मामले में पूर्व मुख्यमंत्री को घर में नजरबंद किया जाना लोकतंत्र की विफलता..महामारी के समय राजनीति का खिलवाड़ कर रही है राज्य सरकार
  • टीकाकरण के वर्गीकरण के लिए मा. हाईकोर्ट में नहीं प्रस्तुत कर पा रही है शपथ पत्र
  • मृतकों के आश्रितों को किसी भी प्रकार के मुआवजे का प्रावधान नहीं होना राज्य सरकार की सबसे बड़ी संवेदनहीनता का परिचायक
  • केंद्र के निर्देश के बावजूद ब्लैक फंगस को नहीं घोषित की महामारी, संघवाद पर हमेशा प्रहार करने को तैयार रहती है राज्य सरकार

बिलासपुर 22 मई। भारतीय जनता युवा मोर्चा बिलासपुर जिले के जिला उपाध्यक्ष रौशन सिंह ने राज्यपाल को लिखे पत्र के माध्यम से राज्य में लोकतंत्र के विफल होने और राज्य सरकार के द्वारा टीकाकरण जैसे राष्ट्रीय मुद्दे पर लोगों की जान माल के साथ खिलवाड़ करने की समस्या को लेकर छत्तीसगढ़ में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग की है।
रौशन ने अपने पत्र पर कहा समाज में महामारी के निदान के बजाएं सामाजिक आधार पर आर्थिक वर्ग बनाकर राज्य सरकार ने टीकाकरण कार्यक्रम की दिशा बिगाड़ दी और लोगों की जान माल के साथ खुला खिलवाड़ किया। माननीय उच्च न्यायालय में दर्ज जनहित याचिका पर वर्गीकरण के संबंध में सरकार के पास जवाब नहीं है। देशव्यापी टीकाकरण ऐप होने के बावजूद सीजी टीका ऐप बनाया गया जिसमें पंजीयन से लेकर के केंद्र निर्धारण एवं अन्य विकल्पों इस संबंध में दी गई व्यवस्थाएं सुचारू रूप से शुरू नहीं हो पाई। पंजीयन के बावजूद लोग टीका केंद्रों पर जाकर भटक रहे हैं।

टूल किट मामले में राष्ट्रीय नेताओं पर अपराधिक मामले दर्ज किया जाना लोकतांत्रिक मूल्यों प्रदेश में सबसे बड़ी गिरावट है। केंद्र सरकार के निर्देश के बावजूद ब्लैक फंगस को महामारी घोषित नहीं किया गया है। सरकार का संघवाद पर विश्वास नहीं है,वह हमेशा भारत देश से अलग आचरण करने पर उतारू रहती है, केंद्र के निर्देश के  बावजूद राज्य की जनता के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए टीका की खरीदी के लिए ग्लोबल टेंडर नहीं निकाला जा रहा है। राज्य सरकार मुफ्त की घोषणाओं में पैसे बांटने वालों और गोबर खरीदी में मस्त है। पूर्व मुख्यमंत्री जी घर में नजरबंदी कर दी गई है, प्रदेश में लोकतंत्र की विफलता का सबसे बड़ा नमूना है। राज्य के पास टीका खरीदने के लिए पैसा नहीं है ऐसे में उचित होगा कि ग़ैरजिम्मेवार सरकार को हटाकर  राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।

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