नगर निगम कोरबा के भू- खण्ड आबंटन में भ्रष्टाचार..! सत्तारूढ़ कांग्रेस नेताओं और उनके रिश्तेदारों को अनुचित लाभ पहुँचाने की तैयारी में अधिकारी

कोरबा 17 जनवरी। भ्रष्टाचार के लिए कुख्यात नगर पालिक निगम कोरबा में सोमवार को सामान्य सभा के माध्यम से एक और भ्रष्ट आचरण को अंजाम देने की तैयारी कर ली गयी है। कथित ऊपरी लेनदेन और राजनीतिक दबाव के जरिये नगर निगम के स्वामित्व की भू-खण्डों को व्यक्ति विशेष को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए आबंटित करने का प्रयास किया जा रहा है।

विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम कोरबा ने गत दिवस विभिन्न भू-खण्डों के लिए निविदा आमंत्रित की थी। नियमानुसार एक परिवार, अपने किसी भी एक सदस्य के नाम पर, एक ही भू-खण्ड की पात्रता रखता है। हालांकि वे एक से अधिक भू-खण्डों के लिए निविदा दे सकते हैं। लेकिन नियम यही है कि एक से अधिक भू-खण्डों की पात्रता हासिल करने के बाद भी एक परिवार केवल एक ही भू-खण्ड प्राप्त कर सकता है।

बताया जा रहा है कि नगर निगम की सोमवार को होने वाली सामान्य सभा में ऐसा प्रस्ताव तैयार किया गया है कि एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्यों को भू- खण्ड का आबंटन हो जाये। उदाहरण के लिए भू-खण्ड क्रमांक- 51 पंडित रविशंकर शुक्ल नगर कोरबा में श्रीमती अनिता सिंह को भू- खण्ड आबंटन का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जबकि उनके पुत्र निखिल कुमार सिंह को भी पंडित रविशंकर शुक्ल नगर कोरबा में भू- खण्ड क्रमांक- 88 को आबंटित करना प्रस्तावित किया गया है। जानकारी के अनुसार इस नियम विरूद्ध आबंटन के लिए सत्तारूढ़ दल के नेता दबाव बनाये हुए हैं। इसी दबाव के कारण अधिकारी अवैध प्रस्ताव पर मुहर लगवाने में जुटे हुए हैं। सूत्रों के अनुसार इसी प्रकार कुछ अन्य लोग भी एक से अधिक भू-खण्ड हासिल करने के करीब हैं। इस मामले में कुछ ऊपरी लेन-देन की भी चर्चा सुनने में आ रही है।

मजे की बात तो यह है कि एक ओर नियम को दर- किनार कर कुछ लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर एक परिवार को एक ही भू-खण्ड की पात्रता का हवाला देकर कोरबा पश्चिम में एक हितग्राही को अपात्र मानकर आबंटन निरस्त किया गया है। प्रस्ताव की कंडिका- 01 में उच्च आय वर्ग के भू- खण्ड क्र. 509 एवं 530 हेतु क्रमशः विजय कुमार दुबे और श्रीमती दीपा दुबे ने निविदा में हिस्सा लिया था और दोनों का दर सर्वाधिक पाया गया था। निविदा शर्त क्रमांक- 02 का हवाला देकर उनके एक भू-खण्ड की पात्रता को आवेदन मिलने पर निरस्त किया गया है।जबकि दूसरी ओर मां और पुत्र होने के बाद भी भू- खण्ड क्रमांक- 51 और 88 के आबंटन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

सूत्रों के अनुसार यदि सामान्य सभा में प्रस्तुत किये जा रहे प्रस्तावों की विस्तृत छानबीन की जाती है, तो इसी तरह सत्तारूढ़ दल के नेताओं के करीबी कुछ और खास लोगों को लाभान्वित करने के प्रयास का भी खुलासा हो सकता है। देखना है कि इस तरह शासन और आम जनता की आंख में धूल झोंकर लाभ लेने -देने का प्रयास कितना सफल होता है? यह देखना भी दिलचस्प होगा कि सामान्य सभा में प्रमुख विपक्षी दल भाजपा और बैशाखी की भूमिका निभा रहे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पार्षद, जनता और शासन के हित में कितनी ईमानदारी और
जिम्मेदारी से अपनी भूमिका निभाते हैं?

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