कोरबा रेल्वे स्टेशन की कोल साइडिंग में बेरोकटोक जारी है सरगबुंदिया जैसा कोयला घोटाला….!

कोरबा 9 जुलाई। उरगा थाना क्षेत्र के सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन में जिस तरह का कोयला घोटाला लंबे समय से चला आ रहा था, वैसा ही घोटाला कोरबा रेलवे स्टेशन के साइडिंग में अभी भी बेरोकटोक जारी है। इस घोटाले में रेल्वे प्रबन्धन के अलावा एस ई सी एल प्रबंधन, माइनिंग विभाग और रेल्वे पुलिस की भूमिका संदिग्ध है।

सिटी कोतवाली की मानिकपुर पुलिस चौकी क्षेत्र अंतर्गत कोरबा रेलवे स्टेशन में एस ई सी एल मानिकपुर की कोयला साइडिंग है। यह साइडिंग जहां समाप्त होती है, उसके बाद लगभग 50 मीटर का खुला हिस्सा है। इसके बाद मुड़ापार से इमलीडुग्गू रेल्वे क्रासिंग है। इसी स्थान पर रेल्वे के बैगन से कोयला निकाल कर प्रतिदिन इकट्ठा किया जाता है और रात के अंधेरे में ट्रकों में लोडकर बाहर भेजा जाता है। यहां से प्रतिदिन करीब 100 टन कोयले की अवैध निकासी किये जाने की जानकारी मिली है।

यह घोटाला बड़े ही सुनियोजित तरीके से किया जाता है। एस ई सी एल की कोयला खदान से जितनी भी कोयला लोड मालगाड़ी कोरबा रेल्वे स्टेशन में आती है, उन सभी माल- गाड़ियों के डिब्बों से ओव्हर लोड के नाम पर करीब एक एक टन कोयला स्टेशन में रेल पटरी के किनारे गिरा दिए जाते हैं। बाद में पटरी के किनारे गिरे कोयले को मालवाहक आटो रिक्शा में भरकर बाहर निकाल लिया जाता है और मानिकपुर कोल साइडिंग के बगल में डम्प किया जाता है। इस काम में 30 से अधिक मजदूर और चार- पांच आटो रिक्शा जूटे रहते हैं। फिर रात होते ही मौके पर ट्रक आकर लग जाता है और कुछ ही मिनटों में लोडर के जरिये ऐसे ट्रकों में कोयला लोड कर गंतव्य के लिए रवाना कर दिया जाता है। कोई भी व्यक्ति रेल्वे स्टेशन में हो रहे इस काण्ड को कभी भी देख सकता है।

खास बात यह है कि इस पूरे काम की निगरानी के लिए सड़क पार पेड़ के नीचे कुर्सी लगाकर कुछ लोग पूरे समय बैठे रहते हैं। मौके पर एक लोडर स्थायी रूप से खड़ा करके रखा गया है। मौके पर कोयले का एक पुराना ढेर भी है, जिसमे कथित रूप से आग लगी हुई है। रेलवे ट्रेक से रोज कोयला निकाल कर यहां ढेर किया जाता है। परंतु मौके में कोयला का स्टॉक में कभी कोई इजाफा नजर नहीं आता।

उल्लेखनीय है कि इसी तरीके से करीब 20 वर्ष से सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन में भी लगातार कोयले की अफरा तफरी की जाती रही है। वर्षों तक तो आम लोगों को यही लगता था कि सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन में रेल्वे द्वारा कोल साइडिंग का संचालन किया जा रहा है। लेकिन पिछले दिनों प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की छानबीन में इस बात का खुलासा हुआ कि यहां से कोयले की अफरा तफरी और तस्करी की जाती रही है। अब इसी तर्ज पर कोरबा रेल्वे स्टेशन के साइडिंग में भी घपले का नजारा देखने में आ रहा है।

आपको बता दें कि करीब 3 माह पहले सिटी कोतवाली कोरबा पुलिस ने रेलवे स्टेशन की सायडिंग के पास से कोयला लोड तीन ट्रैकों को जप्त किया था। इसी कार्रवाई में इस कोयला अफरा तफरी की पुष्टि हुई थी। इस मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने मानिकपुर कोयला खदान के ट्रांसपोर्टर सहित नागपुर के एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। सिटी कोतवाली परिसर में उक्त जप्तशुदा कोयला अभी भी डम्प कर रखा गया है।

कोरबा रेलवे स्टेशन में जिस तरह दिन दहाड़े, बे- रोकटोक बड़ी संख्या में मजदूर कोयला उठाते, आटो रिक्शा में लोड करते नजर आते हैं और जिस तरह बेख़ौफ़ आटो रिक्शा से कोयला बाहर निकाला जाता है, उससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि इस गोरखधंधे में एस ई सी एल प्रबंधन, रेलवे प्रबंधन, माइनिंग विभाग और रेलवे पुलिस की भूमिका साफ सुथरी नहीं है।

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