कोविड अस्पताल में बिजली गुल होने से बाधित पानी की सप्लाई एक घंटे में ही हुई बहाल

कोरबा 28 अगस्त। कोरबा के विशेष कोविड अस्पताल में भर्ती मरीजों को इलाज की बेहतर सुविधाएं लगातार मिल रहीं हैं। पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से बिजली की समस्या होने पर भी कल देर रात से जनरेटर द्वारा बिजली आपूर्ति कर अस्पताल की व्यवस्थाएं चलाई जा रही हैं। आज सुबह बिजली नहीं होने के कारण अस्पताल में हुई पानी सप्लाई की समस्या को भी एक घंटे के भीतर सुलझा लिया गया। अस्पताल में पानी की कमी की शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन ने कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए समस्या का समाधान किया। बारिश व बिजली कड़कने के कारण आज सुबह लगभग एक घंटे के लिए अस्पताल में विद्युत आपूर्ति ठप पड़ गई थी। जिसे अल सुबह से ही अस्पताल प्रबंधन और सीएसईबी के दल ने भारी मशक्कत के बाद बरसते पानी में ठीक किया और सभी विद्युत उपकरण पूरी क्षमता से संचालित किए जा रहे हैं।

कोरबा का कोविड अस्पताल पूरे प्रदेश में स्थापित श्रेष्ठ कोविड अस्पतालों की सूची में शामिल है। यहां की आधारभूत सुविधाएं और इलाज की व्यवस्थाएं भी प्रदेश के अन्य जिलों से कहीं बेहतर है। 142 बिस्तर की क्षमता वाले इस अस्पताल में अभी तक 500 कोरोना पाॅजिटिव मरीज इलाज के लिए भर्ती हो चुके हैं जिसमे से 393 मरीज पूरी तरह ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं। अस्पताल की बेहतर व्यवस्थाओं और इलाज की सुविधा से ही अभी तक किसी भी कोरोना संक्रमित मरीज की मौत नहीं हुई है। इसके साथ ही मरीजों के इलाज में लगे डाॅक्टरों और मेडिकल स्टाफ में से भी कोई भी संक्रमित नहीं हुआ है। समय पर भोजन, पानी, दवाईयां की सुविधा के साथ पर्याप्त निरीक्षण भी चिकित्सकों द्वारा लगातार किया जा रहा है। वर्तमान में अस्पताल में 95 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज जारी है। सक्रिय मरीजों में कोरबा के 91 मरीज, जांजगीर-चांपा जिले के तीन और बिलासपुर जिले के एक मरीज शामिल हैं। अस्पताल में एक साल के छोटे बालक से लेकर 65 साल के बुजुर्ग तक का इलाज किया जा रहा है।
इस विशेष कोविड अस्पताल में ईलाज के दौरान कोरोना की रोकथाम और ईलाज के लिए शासन द्वारा जारी किये गये प्रोटोकाल का सख्ती से पालन किया जा रहा है। कोरोना संक्रमितों के ईलाज के लिए एमडी मेडिसीन डाॅ. प्रिंस जैन की अगुवाई में क्रमबद्ध तरीके से डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी कोविड अस्पताल में लगाई गई है। कोविड प्रोटोकाल के अनुसार ही ईलाज के दौरान इंफेक्शन से बचने और ईलाज के बाद डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ के डोफिंग के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई है। कोविड प्रोटोकाल के अनुसार 14 दिन ड्यूटी करने वाले डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ को अगले 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में रहना होता है। इस दौरान इन सभी की कोरोना जांच भी की जाती है। पूरी सावधानी और सुविधाओं के कारण ही कोरबा के इस अस्पताल में मरीजों के ईलाज में लगे किसी भी डाक्टर, नर्स, लैब टेक्निशियन या अस्पताल के सफाई कर्मी तक में कोई संक्रमण नहीं हुआ है। कोविड अस्पताल में काम करने वाले किसी भी मेडिकल स्टाफ की आज तक कोरोना की कोई रिपोर्ट पाजिटिव नहीं आई है। सभी मेडिकल स्टाफ कोरोना नेगेटिव पाये गये हैं।
अस्पताल प्रबंधन के लिए प्रभारी डाॅ. धु्रव और अस्पताल कंसलटेंट डा. देवेन्द्र गुर्जर तथा उनकी टीम लगातार ईलाज के लिए जरूरी सुविधाओं और दवाइयों आदि के इंतजाम में लगी है। इस अस्पताल में कोरोना से संक्रमित मरीजों के ईलाज के लिए अलग-अलग कमरों वाले वार्डों के साथ-साथ गंभीर मरीजों के लिए आक्सीजन एवं वेंटिलेटर की सुविधायुक्त वार्डों की व्यवस्था भी है। इस अस्पताल में सभी जरूरी दवाईंयां, पीपीई किट, मास्क, सेनेटाईजर आदि की पर्याप्त संख्या में पहले से ही व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। दवाओं के वितरण के लिए एक फार्मासिस्ट भी यहां उपलब्ध है। ईलाज के दौरान निकलने वाले संवेदनशील संक्रमित मेडिकल वेस्ट के उचित निपटान के लिए अलग-अलग डस्टबीन भी पूरी सावधानी के साथ रखे गये हैं। प्रतिदिन मेडिकल वेस्ट को अस्पताल से हटाने के लिए विशेष वाहन की भी व्यवस्था की गई है।

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