शराब घोटाला: कवासी लखमा को हर माह मिलता था 50 लाख

अधिकारियों ने अनपढ़ होना का फायदा उठाया: कवासी लखमा, कार्रवाई राजनीति प्रेरित

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुआ शराब घोटाला काफी लंबे समय से प्रदेश की राजनीति में सुर्खियों पर है. इस मामले में शनिवार को भी पूर्व मंत्री कवासी लखमा समेत कई अन्य के खिलाफ ईडी ने दबिश देकर कार्रवाई की. सूत्रों के हवाले से अब खबर है कि ईडी ने अपनी ECIR में दावा किया है कि इस घोटाले में बतौर कमीशन हर महीने 50 लाख रुपए पूर्व मंत्री कवासी लखमा को भी मिलते थे. हालांकि कवासी लखमा ने हर महीने कमीशन मिलने की बात से इनकार किया है.

इस घोटाले में अन्य नेताओं और अफसरों का भी नाम सामने आया है. आपको बता दें कि ईडी ने अब तक इस मामले में करीब 65 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. वहीं कवासी लखमा ने अब खुद अपने आप को अनपढ़ बता दिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस शासनकाल में राजस्व के लिहाज से सबसे अहम आबकारी विभाग से जुड़े तमाम काम क्या कवासी लखमा खुद करते थे ? या उनकी आड़ में कोई और ?

ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव से पहले, कथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले के मामले में जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। इस सिलसिले में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा और कुछ अन्य कांग्रेसी नेताओं के घरों पर छापेमारी की, जिससे प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई।
दूसरी ओर इस छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मंत्री लखमा ने इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया।

कवासी लखमा ने कहा कि ईडी की कार्रवाई सुबह से लेकर रात तक जारी रही, लेकिन उनके घर से कोई महत्वपूर्ण कागजात नहीं मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनके अनपढ़ होना का फायदा उठाया और जो कागजात लाए, उन्होंने उन पर दस्तखत कर दिए। लखमा ने कहा कि अधिकारी ही कागजात को पढ़ते और लिखते थे, और इस पूरे मामले में अधिकारियों ने गड़बड़ी की है। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि यह छापा कांग्रेस द्वारा विधानसभा में उठाए गए मुद्दों के कारण भाजपा द्वारा बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है।

लखमा ने आगे कहा कि एपी त्रिपाठी जैसे अधिकारियों ने उन्हें इस घोटाले के बारे में अंधेरे में रखा और उन्होंने उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी। ईडी से पूछताछ के दौरान उनसे संपत्ति संबंधी जानकारी भी मांगी गई थी, जिसके लिए उन्होंने समय मांगा है। उन्होंने यह भी बताया कि ईडी के अधिकारियों ने उनके और उनके बेटे के मोबाइल फोन भी अपने साथ ले गए हैं।

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