संपत्ति कर लघु उद्योगों को 30: झूंगी वासियों को राहत नहीं-सिन्हा
कोरबा 01 मई। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि पिछले माह छत्तीसगढ़ शासन ने लघु उद्योगों को संपत्ति कर से राहत देने के लिए नगरीय निकाय को निर्देशित किया था जिसके तहत कोरबा नगर निगम ने मेयर इन काउंसिल में प्रस्ताव पारित कर राज्य शासन को अवगत कराया है कि कोरबा में स्थापित लघु उद्योग को 30: संपत्ति कर में राहत दी जाएगी जो स्वागतेय है।
लेकिन कोरबा नगर निगम ने 8 वर्ष पूर्व मेयर इन काउंसिल में झूंगी वासियों को संपत्ति कर से मुक्त करने का प्रस्ताव संकल्प सरकार को भेजा था। उस समय विधानसभा चुनाव होने वाले थे प्रदेश में भाजपा की सरकार थी इसलिए कोरबा नगर निगम में स्थापित कांग्रेस महापौर द्वारा झूंगी वासियों को संपत्ति कर से मुक्त करने का संकल्प भेजा था ताकि विधानसभा के चुनाव में उसका लाभ ले सके। सिन्हा ने आगे बताया कि नगर निगम में कांग्रेस शासित महापौर रेनू अग्रवाल ने मेयर इन काउंसिल में प्रस्ताव पास कर प्रदेश शासन को अवगत कराया था कि कोरबा जिले में समस्त झूंगी वासियों का संपत्ति कर माफ की जाए लेकिन प्रदेश में कांग्रेस सत्तासीन होने के बावजूद साढे 4 वर्ष बीत जाने के बावजूद कांग्रेस शासित नगर निगम कोरबा ने झूंगी वासियों को संपत्ति कर माफ करने हेतु ना तो कोई प्रयास किया नहीं अपने संकल्प को अमलीजामा पहनाया।
सिन्हा ने आगे बताया कि आज 4 वर्ष 6 माह से अधिक कांग्रेश प्रदेश व नगर निगम में काबीज है अपने ही इच्छाशक्ति पर विराम लगाते हुए प्रदेश सरकार के आदेशानुसार कोरबा में स्थापित लघु उद्योगों को नगर निगम ने 30: संपत्ति कर में छूट देने का प्रस्ताव पास किया है लेकिन वहीं दूसरी ओर 8 वर्ष पूर्व झूंगी वासियों को संपत्ति कर से मुक्त करने का संकल्प भूल गई क्योंकि झूंगी वासी गरीब व मुक बधिर हैं जिनकी आवाज नगर निगम ने स्वयं अपने संकल्पों को दरकिनार करते हुए प्रदेश सरकार को संपत्ति कर में छूट के लिए केवल लघु उद्योगों को मुनासिब समझा झूंगी वासियों को संपत्ति कर से राहत देना उचित नहीं समझा जो गरीब झूंगी वासियों के साथ अन्याय व कांग्रेस की दोहरी चरित्र उजागर हो गई है।