एलबी संवर्ग शिक्षकों के लिए पेंशन निर्धारण सेवा की गणना स्पष्ट करे शासन
स्पष्ट आदेश के बाद ही पुरानी पेंशन के लिए विकल्प पत्र लें
प्रथम नियुक्ति से पेंशन की पात्रता का स्पष्ट आदेश हो जारी
कोरबा 30 जनवरी। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, सचिव वित्त विभाग, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर पुरानी पेंशन के लिए संविलियन हुए शिक्षक एलबी संवर्ग के लिए पेंशन निर्धारण सेवा की गणना को स्पष्ट करने के पश्चात विकल्प पत्र प्रस्तुत करने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि 1.60 लाख एलबी संवर्ग के शिक्षक के बीच पेंशन संबंधी वित्त विभाग के आदेश को लेकर भ्रम फैला है, जिसके स्पष्ट होने के बाद ही शिक्षक संवर्ग विकल्प पत्र देने की स्थिति में होंगे।
प्रदेशाध्यक्ष शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी, कोरबा जिला अध्यक्ष मनोज चौबे, कार्यकारी जिलाध्यक्ष नरेंद्र चंद्रा, जिला मीडिया प्रभारी प्रदीप जयसवाल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग से 20 जनवरी 2023 को जारी पत्र में एनपीएस व ओपीएस किसी एक का चयन करने का विकल्प दिया गया है। छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर 2004 से पुरानी पेंशन बहाली का उल्लेख है। राज्य में कार्यरत एलबी संवर्ग के शिक्षक 1998 व 2005 के बाद से निरंतर परिवीक्षा अवधि पूर्ण कर नियमित सेवारत हैं। संविलियन हुए एलबी संवर्ग के शिक्षकों को पेंशन योग्य स्थापना में मानते हुए एनपीएस कटौती अप्रैल 2012 से किया जा रहा है, जबकि शिक्षा कर्मी शिक्षक पंचायत संवर्ग पेंशन भोगी पदों के रिक्त पद के विरुद्ध नियुक्त हुए हैं। उन्हें प्रथम नियुक्ति से संविलियन के पूर्व सेवा तिथि से पेंशन की पात्रता का स्पष्ट आदेश जारी किया जावे।
जिला अध्यक्ष चौबे ने स्पष्ट आदेश जारी करने की मांग करते हुए बताया कि वित्त विभाग से जारी अधिसूचना के सरल क्रमांक 5 अ में पुरानी पेंशन योजना को स्वीकार करने हेतु प्रपत्र 2 में नोटरॉइज्ड शपथ पत्र कार्यालय प्रमुख को प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया गया है। उक्त स्थिति में विषयान्तर्गत पुरानी पेंशन बहाली के संबंध में संविलियन हुए एलबी संवर्ग के शिक्षकों के लिए पेंशन निर्धारण हेतु सेवा की गणना पेंशन की पात्रता को स्पष्ट किया जाए, ताकि एलबी संवर्ग के शिक्षक पूर्णत: सोच समझकर ही विकल्प पत्र प्रस्तुत करें। शासन से पुन: स्पष्ट पत्र जारी करने के बाद पर्याप्त समय दिया जाए।