हादसे में ग्रामीण की मौतः ढाई लाख क्षतिपूर्ति पर बनी बात, आक्रोशित लोगों ने रोके वाहनों के पहिए

दुर्घटना के ग्राफ में कमी आने के बजाय बढ़ोत्तरी

कोरबा 28 मार्च। कोरबा-चांपा नेशनल हाईवे 49बी पर ओवर स्पीडिंग के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं। छोटी गाडियों पर चलने वाले अथवा रिहायशी क्षेत्रों के लोगों को सडक पार करने के दौरान बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। सरगबुंदिया में पिछली रात हुए हादसे में एक ग्रामीण की मौत ने लोगों को नाराज कर दिया। इसके चलते कई घंटे वाहनों के पहिए थमे रहे। लोगों की जिद्द और तेवर के आगे अधिकारी लाचार बने रहे। मध्य रात्रि ढाई लाख रुपए का मुआवजा शुरुआती तौर पर देने से बात बनी और चक्काजाम खत्म हुआ।

उरगा थाना क्षेत्र के अंतर्गत सरगबुंदिया में बनगहिया यादव नामक ग्रामीण की मौत मालवाहक की टक्कर से हो गई। वह शाम ढलने के कुछ देर बाद मुख्य से आवाजाही कर रहा था तभी भारी वाहन ने उसे चपेट में लिया। एनएच पर हुए हादसे की खबर से आसपास के लोग सक्रिय हुए। आनन-फानन में उनकी उपस्थिति मौके पर दर्ज हुई और चक्काजाम शुरू हो गया। इसके चलते कोरबा और चांपा की दिशा में वाहनों का आना-जाना बाधित हुआ। घटना की खबर होने पर उरगा पुलिस की टीम यहां पहुंची। प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाईश दी गई थी लेकिन वे इस पर मानने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने कई मांगें रखी। इसकी पूर्ति के बिना वे हटने को तैयार नहीं थे। सूत्रों के अनुसार प्रशासन के अधिकारियों को बाद में यहां आना पड़ा। बताया गया कि प्रावधानों के अंतर्गत शुरुआती राहत राशि मृतक के परिजनों को उपलब्ध कराई गई। इसके साथ ढाई लाख की क्षतिपूर्ति भी देने की बात हुई जिस पर लोग मान गए। रात 12 बजे उन्होंने यहां चक्काजाम समाप्त किया। उन्हें आश्वस्त कराया कि दूसरे प्रावधानाओं और सामाजिक सुरक्षा के तहत भी राहत की व्यवस्था कराई जाएगी। उरगा पुलिस ने इस मामले में बनगहिया यादव की मौत के लिए दोषी वाहन के चालक पर बीएनएस की धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया है और आगे की कार्यवाही कर रही है।

जिले में सडक दुर्घटनाओं की रोकथाम को लेकर कई स्तर पर काम किया जा रहा है और कई प्रकार के दावे भी किए जा रहे हैं लेकिन इन सबके बावजूद पूरे मामले में कमी तो नहीं आ रही है बल्कि बढ़ोत्तरी जरूर हो रही है। बताया जा रहा है कि रफ्तार पर अंकुश नहीं होने, कम समय में अधिक ट्रिप लगाने, ज्यादा लाभ अर्जित करने एवं प्रतियोगिता के दौर में आगे निकलने का चक्कर दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं। पिछले वर्ष शराब के नशे में गाड़ी चलाने के 100 से अधिक मामले प्रकाश में आए। इसी पर संबंधितों का चालान कोर्ट में किया गया और भारी भरकम पेनाल्टी की गई। मोटर व्हीकल एक्ट और 185 के प्रकरणों को बनाने के साथ पुलिस जागरूकता की दिशा में भी काम कर रही है। इतना सबकुछ होने पर भी परिणाम सिफर हैं।

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