RSS: इसी पवित्र संगठन से मिला मोदी को संस्कार और जीवन जीने का उद्देश्य

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जमकर सराहना करते हुए कहा है कि इस पवित्र संगठन से उन्हें संस्कार और जीवन जीने का उद्देश्य मिला। संघ से बड़ा स्वयंसेवी संगठन दुनिया में नहीं है। उन्होंने कहा कि संघ को समझना आसान नहीं है, इसके कामकाज को देखना और समझना चाहिए।

अमरीकी कंप्यूटर वैज्ञानिक, शोधकर्ता और पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ तीन घंटे से ज्यादा लंबी बातचीत में मोदी ने अपनी जीवन यात्रा, कामकाज, विदेशी नेताओं और पाकिस्तान से संबंधों सहित विभिन्न विषयों पर खुलकर विचार रखे। मोदी और फ्रीडमैन ने एक्स पोस्ट में पॉडकास्ट को साझा किया। मोदी ने कहा कि मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मैंने संघ जैसे संगठन से जीवन का सार और मूल्य सीखा।

पिछले 100 साल में संघ चकाचौंध से दूर साधक की तरह समर्पित भाव से काम कर रहा है। यह जीवन में एक ही बात सिखाता है कि राष्ट्र ही सब कुछ है और समाज सेवा ही ईश्वर की सेवा है। मैंने इसे जीवन का मूल मंत्र माना है। खुद की आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया के सवाल पर मोदी ने कहा कि मैं इसका स्वागत करता हूं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है। मैं सभी युवाओं को यह बताना चाहता हूं। जीवन में रात चाहे कितनी भी अंधेरी क्यों न हो, वह रात ही है, सुबह होनी तय है।

हर आतंकी घटना का जुड़ाव पाकिस्तान से

मोदी ने पाकिस्तान को अशांति का केंद्र बताया और कहा कि आजादी के बाद हमने शांति का रास्ता चुना तो पाकिस्तान ने छद्म युद्ध छेड़ा। उसके आतंक के प्रश्रय से पूरी दुनिया प्रभावित है। दुनिया में कोई भी आतंकी घटना हो, उसका जुड़ाव पाकिस्तान में निकल ही जाता है। मोदी ने उम्मीद जताई कि वहां के नेताओं को सद्बुद्धि आएगी। वहां के लोग भी शांति चाहते हैं। मैंने शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें आमंत्रित किया, खुद लाहौर गया लेकिन शांति के प्रयास का बदला दुश्मनी और विश्वासघात से मिला।

गोधरा मामले में बदनाम किया

मोदी ने 2002 के गोधरा कांड पर कहा कि यह बहुत गंभीर घटना थी। इसे लेकर झूठ फैलाया व मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई। उन्होंने 1999 से 2002 तक देश-दुनिया में आतंकी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि मेरी सरकार 27 फरवरी बजट पेश करने वाली थी, उसी दिन गोधरा कांड की सूचना मिली। यह भ्रम फैलाया कि बहुत बड़ा दंगा हुआ जबकि 2002 से पहले गुजरात में 250 से ज्यादा दंगे हुए थे। साल 1969 के दंगे 6 माह तक चले। 2002 से पहले गुजरात में दंगे होते रहे, लेकिन 2002 के बाद कोई बड़ी घटना नहीं हुई।

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