टीवी मुक्त पंचायत की परिपकल्पना: पंच सरपंच बनेंगे सूचना मित्र

कोरबा 27 सितंबर। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्वास्थ्य विभाग ने टीवी मुक्त पंचायत की परिपकल्पना की है। जिसके तहत प्रति गांवों को प्रति 1000 जनसंख्या में विभक्त कर सघन टीवी की जांच की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा सरपंचए पंच व सचिव को सूचना मित्र के रूप में शामिल किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से छह चरणों में जांच किए जाने के बाद पंचायत क्षय मुक्त ग्राम पंचायत का प्रमाण पत्र व गांधी जी की प्रतिमा प्रदान की जाएगी।

औद्योगिक जिला होने के कारण टीवी की रोग की संभावना केवल शहर नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ी है। जनवरी माह से अगस्त के बीच किए गए जांच में टीवी के 1367 नए पाए गए है। उन्मूलन कार्यक्रमों के बाद भी मरीजों का हजार तादाद में मिलना चिंतनीय है। समस्या को जड़ से मिटाने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम धरातल पर उतारने का निर्णय लिया है। इसकी शुरूआत पंचायतों में परिचायत्मक बैठक लेकर की जाएगी। इसके लिए विभाग ने कार्य योजना भी तैयार की है। टीवी से पीडि़त मरीजों की जानकारी के लिए मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्रामीण स्वास्थ्य विस्तार अधिकारी के माध्यम से घर-घर सर्वे किया जाएगा।

निजी चिकित्सक, लैब एवं कैमिस्ट से संपर्क कर रोग ग्रस्त लोगों की जानकारी ली जाएगा। बताना होगा कि टीवी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर नि:शुल्क दवा दिए जाने का प्रविधान है। पहाड़ी कोरवा व अन्य अनुसूचित जन जाति के लोगों तक पहुंचने के लिए मोबाइल वेन का सहारा लिया जाएगा। टीवी मुक्त पंचायत घोषित करने के लिए जिन छह चरणों की दावापत्ति गांव को गुजरना हो उनमें पहला 1000 की संख्या में संभावित मरीजों की जांच। बलगम जांच के बाद पाए गए मरीजों की साल भर चली इलाज की समीक्षा। इलाज के बाद स्वस्थ्य हुए मरीजों की स्वास्थ्य दर। दवा के प्रति संवेदनशीलता। पोषण योजना का पालन व प्रधानमंत्री टीवी मुक्त पंचायत अभिययान में जन सहभागिता शामिल है। इसमें सफल होने वाले पंचायत टीवी मुक्त पंचायत घोषित किया जाएगा। प्रथम वर्ष पंचायत को कांस्य पदक व गांधी प्रतिमा प्रदान की जाएगी। ग्राम पंचायत दूसरे साल भी टीवी मुक्त रहता है तो उसे रजत व तीसरे साल मुक्त रहने पर स्वर्ण पदक व गांधी प्रतिमा के साथ प्रमाण पत्र दी जाएगी।

दवा के साथ पोषक भोजन के लिए भी सहयोग:-क्षय निदान के लिए शासन की की ओर न केवल दवा निश्शुल्क है बल्कि पोषण आहार लिए प्रतिमाह 500 रूपये प्रदान करने का प्रविधान है। मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाने के लिए प्रोत्साहित करने वाले मितानिनों को भी 1000 रूपये दिया जाता है। क्षय रोगियों के लिए पंचायत के दायरे में व्यवसायिक सहायता अथवा रोजगार का प्रविधान रखा गया है। इससे पीडि़त प्रोत्साहित होकर इलाज के लिए आगे आएंगे।

प्रदूषण व नशा मुख्य वजह:-टीव रोग का मुख्य कारण प्रदूषण व नशा है। संक्रामक बीमारी होने की वजह से यह परिवार के दूसरे व्यक्ति में फैलने की संभावना बनी रहती है। समय पर इलाज नहीं होने से मृत्यु की संभावना हैं। बुजुर्गो, युवाओं के अलावा बच्चों में भी फैलता है। आवश्यक नहीं कि बीमारी नशा करने वालों पर ही हो बल्कि प्रदूषण युक्त धुंए के संपर्क में भी आकर व्यक्ति बीमारी से पीडि़त हो सकता है। शहरी क्षेत्र में प्रति 1000 में 100 व्यक्ति टीवी मरीज मिले हैं।

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