चीन कभी नहीं कर पाएगा भारत के खिलाफ श्रीलंका की धरती का उपयोग, मोदी को ‘श्रीलंका मित्र विभूषण’ से सम्मानित किया गया

कोलंबो. श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आश्वस्त किया कि वह कभी भारत के खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं होंगे देंगे। श्रीलंका के इंफ्रास्ट्रक्टर विकास में चीन के बढ़ते आर्थिक दखल से हो रही आशंकाओं को खत्म करते हुए दिसानायके ने शनिवार को भारत के साथ अपने गहरे रिश्तों का प्रदर्शन किया। मोदी की श्रीलंका यात्रा ने भारत- श्रीलंका रक्षा सहयोग को एक नई दिशा दी है।

कोलंबो स्थित राष्ट्रपति सचिवालय में हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग को गहरा करने, संयुक्त अभ्यास, क्षमता निर्माण और सुरक्षा साझेदारी को विस्तार देने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। श्रीलंका में भारत के शांति सेना भेजे जाने के करीब चार दशक बाद पहली बार रक्षा सहयोग बढ़ाने का समझौता हुआ है। इस रणनीतिक सहयोग के साथ भारत ने श्रीलंका को क्षेत्रीय स्थायित्व में एक महत्त्वपूर्ण भागीदार के रूप में जिक्र किया।

भारत-श्रीलंका के बीच यह वार्ता हिंद महासागर क्षेत्र में साझा सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए की गई, जिसमें सामरिक बंदरगाह त्रिंकोमाली को ऊर्जा और सुरक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना भी शामिल रही। मोदी की इस यात्रा के दौरान ऊर्जा, डिजिटल परिवर्तन, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक संरक्षण और कृषि सहयोग से जुड़ी परियोजनाएं भी शुरू की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में प्रतिवर्ष 700 श्रीलंकाई लोगों को शामिल करने वाले व्यापक क्षमता निर्माण कार्यक्रम की भी घोषणा की। दोनों नेताओं ने कृषि के क्षेत्र में उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजना, दांबुला में अपनी तरह का पहला 5000 मीट्रिक टन तापमान नियंत्रित गोदाम और श्रीलंका के सभी 25 जिलों में धार्मिक स्थलों को 5000 सौर रूफटॉप यूनिट की सप्लाई का भी संयुक्त रूप से ई-उद्घाटन किया। उन्होंने 120 मेगावाट की सामपुर सौर परियोजना के शुभारंभ के लिए वर्चुअल भूमिपूजन समारोह में भी भाग लिया।

भारत को सभी दलों का समर्थन

प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के नेता विपक्ष साजिथ प्रेमदासा से मुलाकात की। मोदी ने कहा कि हमारी विशेष साझेदारी को श्रीलंका में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर समर्थन प्राप्त है। हमारा सहयोग व मजबूत विकास साझेदारी हमारे दोनों देशों के लोगों के कल्याण द्वारा निर्देशित है।

मोदी को ‘श्रीलंका मित्र विभूषण’

इससे पहले श्रीलंका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘मित्र विभूषण’ से नवाजा। राष्ट्रपति दिसानायके ने उन्हें यह सम्मान दिया। यह किसी विदेशी राष्ट्र की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया 22वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है। मोदी ने कहा, ‘यह सम्मान भारत और श्रीलंका के ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक है।’

समझौता के बिन्दु

■ रक्षा सहयोग समझौताः भारत और श्रीलंका के बीच सबसे पहला और सबसे अहम समझौता रक्षा सहयोग को लेकर हुआ। यह हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने पर केंद्रित है।

■ ऊर्जा क्षेत्र में सहयोगः भारत, श्रीलंका और यूएई के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ। इसमें त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

■ डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशनः दोनों देशों के बीच सूचना-तकनीक और डिजिटल क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण समझौता हुआ।

■ सोलर पावर प्रोजेक्टः नवीकरणीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए समझौता हुआ। सामपुर में सौर ऊर्जा परियोजना का वर्चुअल भूमिपूजन।

■ स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोगः स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा अनुसंधान में सहयोग के लिए एक समझौता हुआ। श्रीलंका और भारत के बीच दवा उद्योग में सहयोग को बढ़ाने के लिए समझौता हुआ।

■ सांस्कृतिक व धार्मिक जीर्णोद्धारः श्रीलंका में सीता एलिया सहित कई मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए भारत ने सहयोग का भरोसा दिया है। धार्मिक स्थलों पर 5000 सौर यूनिट, और 5000 एमटी कोल्ड स्टोरेज परियोजना का उद्घाटन किया गया।

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