करील की चोरी पर जेल की हवा खानी पड़ सकती है
कोरबा 30 जुलाई। धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में खानपान के अपने तरीके हैं। पारंपरिक तौर पर यहां उड़द के दाल बड़े, फरा, ठेठरी, खुरमी जैसे अनेकों व्यंजन हैं, लेकिन एक ऐसी सब्जी है, जो सिर्फ बरसात के दिनों में ही मिलती है और इस पर छत्तीसगढ़ में पाबंदी भी है। इसके बावजूद बड़ी मात्रा में करील की न केवल चोरी हो रही है बल्कि इसे आसपास में उपयोग किया जा रहा है। वन विभाग ने चेताया है कि अगर कोई इसे चोरी करते पाया गया तो प्रावधान के तहत जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
कोरबा जिले में सब्जियों के भाव आसमान पर पहुंचने के साथ करील की पूछपरख तब हो रही है जब इसे प्रतिबंधित किया गया है। यह सब्जी सिर्फ बरसात में ही मिलती है। यही वजह है कि कई बार इसका दाम 1000 रुपये किलो से भी अधिक है। फिलहाल, छत्तीसगढ़ में इसको तोड़ते या बेचे जाने पर जेल जाने की नौबत भी आ सकती है। इस अद्भुत सब्जी का नाम करील है। जिसे मानसून के समय बांस के पेड़ों से प्राप्त किया जाता है। जानकर हैरानी होगी कि छत्तीसगढ़ में बांस की सब्जी को बड़े चाव से खाया जाता है। बांस की नन्ही कोपलें, जिन्हें करील कहा जाता है। इन कोपलों को लोग यहां सब्जी के रूप में खाते हैं। करील को बेचने पर पाबंदी के बावजूद यह सब्जी 1000 रुपये प्रति किलो से अधिक दाम में कहीं न कहीं मिल ही जाती है।