विद्युत विभाग के ठेका कर्मियों ने उप मुख्यमंत्री टी.एस.सिंहदेव के नाम से कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

कोरबा 01 जुलाई। विद्युत विभाग के ठेका कर्मियों ने उप मुख्यमंत्री के नाम से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग में कार्यालयीन/तकनीकी कार्यों को सुचारू रूप से संचालन हेतु विद्युत विभाग में कई वर्षों से आउटसोर्सिंग/ठेका प्रथा/प्लेसमेंट पद्धति से कर्मचारी रखे गए है, यह कर्मचारी विगत कई वर्षों से विभाग में अपनी सेवायें दे रहे है। ज्यादातर कर्मचारियों के नौकरी की तय उम्र सीमा के करीब है। साथ ही यह कर्मचारी पारिवारिक दायित्यों का निर्वहन कर रहे। इनके भविष्य को सुरक्षित करने हेतु छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनीज उदासीन है एवं ठेका कर्मचारियों के हितों में किसी प्रकार से निर्णय लेने में असक्षम है।

विगत माह 19 मई को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के माध्यम सें जनरेशन/ट्रांसमिशनड्रिस्टीब्युशन विभिन्न मांगो लेकर अवगत कराया था एवं कहा था की मांग पूरी नहीं करने पर एक दिवसीय कामबंद हडताल के लिए 30 जून को बाध्य रहेगें परंतु हमारी लंबित मांगों पर कोई कार्यवाही नही होने के कारण प्रदेश स्तरीय एक दिवसीय कामबंद हड़ताल पर रहे। घोषणापत्र के बिंदु क्रमांक 30 में कांग्रेस सरकार द्वारा यह वादा किया गया था कि ठेका प्रथा बंद कर दिया जायेगा। परंतु विद्युत विभाग ठेका में धड़ल्ले से शोषण किया जा रहा है। जिस के संबंध कमचारियों द्वारा बार-बार लेटर पत्राचार एवं न्यूज में जानकारी आती रहती है।

आगे कहा गया की फिर भी विद्युत विभाग इस पर कोई बड़ी कार्यवाही नही कर रहा है। यह सभी घटनाए विद्युत विभाग के अधिकारियों की मानसिकता साफ दिखती है। ठेका प्रथा बंद कर चुनाव में किया गया अपना वादा निभा कर विद्युत ठेका कमचारियों को शोषण से बचायें। विगत चार वर्षों से कार्य के दौरान दुर्घटना हो जाने पर उनकी मृत्यु हो जा रही है जिनको सहानुभुती के नाम पर कंपनी एवं ठेकेदार के द्वारा 50 हजार से 1 लाख रू.ही दिया जाता है जो कि उनके परिवार के एवं बच्चों के भविष्य के लिए अपर्याप्त है। अत: विद्युत ठेका श्रमिक संघ यह शासन से मांग करता है की दुर्घटना राशि अतिशीघ्र और तत्काल 15 लाख रू. किया जायें।

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