उपजाऊ जमीन ले ली, दो साल से लटकाया मुआवजा
कोरबा-चाम्पा एनएचएआई के निर्माणाधीन फोरलेन सड़क का मामला
कोरबा 21 जून। निर्माणाधीन राष्ट्रीय राज मार्ग एनएच 149 बी कोरबा चाम्पा मुख्य मार्ग के ग्राम देवलापाठ निवासी 3 प्रभावित भूस्वामी शनिवार से निर्माणाधीन फोरलेन सड़क के मध्य आशियाना बनाएंगे। एनएचएआई जिला प्रशासन की अनदेखी से सालों से मुआवजा के लिए कलेक्टर एसडीएम को लिखित आवेदन कर गुहार लगाते लगाते थक चुके प्रभावितों के सब्र का बांध टूट गया है। नाराज भूस्वामियों ने निर्माणाधीन मार्ग में भवन निर्माण हेतु ईंट गिराकर 3 दिनों का अंतिम अल्टीमेटम दिया है। प्रभावितों के इस अनूठे विरोध प्रदर्शन से एनएच के अधिकारियों सहित ठेका फर्म में हड़कम्प मचा है।
यहां बताना होगा कि निर्माणाधीन राष्ट्रीय राज मार्ग एनएच 149 बी कोरबा चाम्पा में फोरलेन सड़क बनाने ग्राम देवलापाठ के किसान रामनाथ राठौर खसरा नंबर 809/1, नोहर लाल साहू खसरा नंबर 738/1, रामकुमार बरेठ खसरा नंबर 737 का भूमि अधिग्रहित की गई है। जिसके मुआवजा भुगतान के लिए तीनों किसान स्थानीय जनप्रतिनिधि झाम लाल साहू के साथ 28 अगस्त 2021 से लगातार आवेदन कर एसडीएम ऑफिस व कलेक्टोरेट कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन किसानों को अधिकारी/कर्मचारियों से सिर्फ आश्वासन मिला है। जब जमीन का समतलीकरण किया गया तो किसान रामनाथ राठौर ने विरोध इसका किया था। इस दौरान आश्वस्त किया गया था कि पखवाड़े भर के भीतर आपका मुआवजा मिल जाएगा लेकिन आज जब 6 माह बाद किसान से अर्जित जमीन पर डामरीकरण करने का काम चालू किया तब मुआवजा का इंतजार कर रहे किसान के सब्र का बांध टूट पड़ा प्रभावित किसान ने निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 149 बी कोरबा चाम्पा मुख्य मार्ग में घर बनाने के लिए ईंट पत्थर रख दिया। किसान ने दो टूक लहजे में कहा कि उपजाऊ जमीन देकर सोंचा था जिंदगी सवारने कुछ पैसे मिल जाएंगे पर अब मुआवजा के लिए 5 बार अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर काट शरीरिक मानसिक रूप से थक चुके हैं। लिहाजा प्रशासन एनएचएआई की अनदेखी से आहत होकर हमने हमारी जिस भूमि में सड़क बनाने बेस वर्क तैयार किया है हम वहीं अपना आशियाना बनाएंगे। शनिवार से निर्माण कार्य शुरू कर देंगे।
देवलापाठ के ही अन्य किसान नोहर लाल साहू व रामकुमार बरेठ ने भी अपनी जमीन पर धान की फसल के लिये खेत की जुताई शुरू कर दी है। किसान नोहर लाल साहू अब तक 5 बार लिखित आवेदन दे चुके हैं। 20 अगस्त 2021, 21 फरवरी 2022, 22 फरवरी, 15 जून 2022, 13 सितंबर 2022, 17 नवम्बर 2022, को लिखित आवेदन दिए हैं। उसके बाद भी विभाग के अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली । जिससे आहत किसान ने अपनी जमीन पर घर बनाना उचित समझा। किसान ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग के 2 कर्मचारी आए और किसानों को रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी देने लगे। जिस पर किसान ने पूर्व जनपद सदस्य झाम लाल साहू को फोन करके बुलाया और उन लोगो के ऊपर भयादोहन करने और बिना मुआवजा दिए जमीन को समतलीकरण करने के मामले में अपराध दर्ज कराने की तैयारी में जुट गए हैं। तीनों किसानों को कुल 19 लाख 76 हजार का बंटना है । किसान नोहर लाल साहू का सर्वाधिक 13 लाख रुपए मुआवजा बना है। किसान रामनाथ राठौर का 5 लाख 60 हजार एवं किसान रामकुमार बरेठ का 1 लाख 16 हजार मुआवजा बना है। लेकिन करीब दो साल होने को है इन्हें मुआवजा का एक सिक्का भी भुगतान नहीं हुआ।
किसान रामकुमार बरेठ ने बताया कि एनएच अथॉरिटी ने उनकी करीब 5 डिसमिल जमीन अधिग्रहित की है जबकि रिकार्ड में सिर्फ 1 डिसमिल अर्जित करने का उल्लेख है। चर्चा करते हुए किसान ने कहा कि एनएच के अधिकारी उसकी स्वामित्व की भूमि को बेजा कब्जा दर्शाते हैं,जबकि पीढिय़ों से वो उस पर काबिज हैं। एक इंच भी जमीन कब्जा नहीं किया। यह सारा खेल मुआवजा कम देना पड़े इस नियत के साथ खेला जा रहा है। हमें यह स्वीकार नहीं, शनिवार तक मुआवजा नहीं मिला तो सड़क पर घर बनाएंगे।