ईडी कार्यालय से बाहर आए कवासी लखमा, 9 घण्टे चली पूछताछ

रायपुर 3 जनवरी। छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से ईडी ने 9 घंटे पूछताछ की। इसके बाद जब कवासी लखमा ईडी कार्यालय से बाहर आए तो उन्होंने कहा कि जो मुझसे कागज मांगा गया मैंने जमा किया और जो पूछे उसका जवाब दिया है। कुछ कागज बचा है, उसके लिए और कुछ दिन का समय मांगा हूं।
कवासी लखमा ने बताया कि चाय नाश्ते के लिए पूछ रहे थे। कोई परेशानी नहीं हुई। अंदर की कोई भी बात सार्वजनिक करना अच्छा नहीं है। मैं कानून को मानने वाला कांग्रेस पार्टी का मेंबर हूं। मैं गरीब व्यक्ति हूं, आदिवासी आदमी हूं। आदिवासियों के लिए संविधान में कानून है, उनकी आवाज उठाना है। उसी से नाराज होकर मुझे परेशान करने के लिए मुझ पर आरोप लगाया है। मुझे परेशान किया जा रहा है और इसकी लड़ाई मैं अंतिम तक लडूंगा। जब तक जिंदा रहूंगा, आदिवासियों के लिए लड़ता रहूंगा।
कवासी लखमा ने कहा कि दारू बनाने वाली कंपनी है, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। दारू कंपनी की जांच करना चाहिए।
एक सवाल के जवाब में लखमा ने कहा कि भाजपा में शामिल होने का कोई दबाव नहीं बनाया गया है। ऐसा कोई ऑफर मुझे नहीं मिला है,वो जानते हैं कि मरेगा और जीएगा कांग्रेस पार्टी में ये उन्हें पता है और ये नहीं जुड़ेगा,इसलिए मुझे ऑफर नहीं दिया।
विदित हो कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 2161 करोड़ के शराब घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री एवं कोंटा के कांग्रेस विधायक कवासी लखमा व उनके पुत्र सहित अन्य लोगों पर शिकंजा कसा है। पूछताछ के लिए कवासी लखमा को आज सुबह ईडी ऑफिस बुलाया गया। उनके पुत्र हरीश कवासी नहीं पहुंचे थे।
ईडी ने छापेमारी के 5 दिन बाद प्रेस रिलीज जारी कर बताया था कि पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा अपने कार्यकाल के दौरान नकदी में अपराध की आय (पीओसी) के मुख्य प्राप्तकर्ता थे। उनके बेटे हरीश लखमा और उनके करीबी सहयोगियों के आवासीय परिसरों में नकद में पीओसी के उपयोग से संबंधित सबूत मिले हैं। वहीं तलाशी में डिजिटल उपकरणों की बरामदगी और जब्ती भी हुई, जिनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड होने का संदेह है। इस प्रकरण की जांच के दौरान पहले ही अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट के रूप में काम करने के इनपुट मिल चुके है।
ईडी के अनुसार वहीं घोटाले से अर्जित रकम प्रतिमाह लखमा को मिलती थी। 2019 से 2022 के बीच हुए शराब घोटाले में ईडी को जांच में पता चला है कि अवैध कमीशन विभिन्न माध्यम से एकत्रित की जाती थी। ईडी ने शराब घोटाले की जांच करने 28 दिसंबर 2024 को कवासी लखमा, उनके पुत्र हरीश, नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू और कांग्रेस नेता सुशील ओझा के रायपुर, धमतरी के साथ ही सुकमा स्थित सात ठिकानों में छापामारा था।

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