ओबीसी महासभा को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने का नहीं दिया गया अवसर, सत्कार अधिकारी की अब CM से करेंगे शिकायत
कोरबा 24 मई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कोरबा जिले के रामपुर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक में ओबीसी महासभा के प्रतिनिधियों को शामिल होने का अवसर नहीं देने को लेकर महासभा के प्रतिनिधियों ने आक्रोश जाहिर किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गत 22 मई 2023 को जिले के रामपुर विधानसभा क्षेत्र के प्रवास पर थे। ग्राम चिर्रा में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के बाद ग्राम कुदमुरा में सामाजिक संगठनों के साथ उनकी बैठक आयोजित थी। इस बैठक में विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। लेकिन ओबीसी महासभा के जिले के पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री से रूबरू होकर अपनी बातें रखने का अवसर नहीं मिला।
महासभा के पदाधिकारियों ने बताया कि 18 मई को उन्होंने सत्कार अधिकारी को लिखित आवेदन देकर मुख्यमंत्री की सामाजिक संगठनों की बैठक में शामिल होने की अनुमति मांगी थी। उन्हें भरोसा था कि मुख्यमंत्री से वे रूबरू हो सकेंगे और ओबीसी समुदाय की समस्याओं और जरूरतों पर चर्चा कर सकेंगे। कार्यक्रम आयोजन तक ओबीसी महासभा कोरबा इकाई के पदाधिकारियों को सत्कार अधिकारी की ओर से बैठक में शामिल होने की कोई सूचना नहीं दी गई। महासभा के पदाधिकारी बैठक में शामिल होने की मंशा से ग्राम कुदमुरा पहुंचे। उन्हें उम्मीद थी कि वह भी मुख्यमंत्री की बैठक में हिस्सा ले सकेंगे। लेकिन उन्हें बैठक स्थल में प्रवेश से रोक दिया गया।
दरअसल महासभा के प्रतिनिधियों का नाम मुख्यमंत्री बघेल की सामाजिक बैठक में शामिल होने वाले प्रतिनिधियों की सूची में शामिल ही नहीं था। महासभा के पदाधिकारियों ने बैठक स्थल में उपस्थित अधिकारियों को अपने आवेदन की पावती दिखा कर बैठक में शामिल होने देने का आग्रह भी किया लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। अंततः ओबीसी महासभा कोरबा के प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री की बैठक में शामिल हुए बगैर निराश होकर वापस लौटना पड़ा। इस घटना के बाद कोरबा ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों में गहरा रोष व्याप्त है। महासभा के पदाधिकारियों का कहना है कि वह इस मामले की शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से करेंगे।
महासभा के पदाधिकारियों के अनुसार उनकी संस्था राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत है। महासभा में लगभग ओबीसी समुदाय के सभी प्रदेशों के और सभी समूह के नागरिक शामिल है। राष्ट्रीय स्तर पर संस्था को समय-समय पर ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व शासन और प्रशासन के समक्ष करने का अवसर मिलता रहा है। यह पहला अवसर है जब महासभा को ओबीसी समुदाय की बात छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के समक्ष रखने का अवसर नहीं मिला।