चीन के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष स्टेशन में ऑक्सीजन और ईंधन बनाने में हासिल की बड़ी कामयाबी…!

बीजिंग. चीन के वैज्ञानिकों ने तियानगोंग अंतरिक्ष स्टेशन में आर्टिफिशियल फोटोसिंथेसिस (कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण) तकनीक का इस्तेमाल कर ऑक्सीजन व ईंधन बनाने में कामयाबी हासिल की है।

चीन के शेनझोउ-19 क्रू के सदस्यों की इस सफलता ने भविष्य में लंबे अंतरिक्ष अभियानों के लिए रास्ता खोल दिया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक यह तकनीक 2030 तक चीनी यात्रियों को चांद पर उतारने के दौरान मददगार साबित हो सकती है। क्रू के सदस्यों ने सेमीकंडक्टर से लैस एक ड्रॉअर के आकार के डिवाइस में प्रयोग किए। इसमें कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से ऑक्सीजन का निर्माण किया गया। इस दौरान रॉकेट के ईंधन का काम करने वाले ईथीलीन नाम के हाइड्रोकार्बन का उत्पादन किया गया।

ऊर्जा की होगी बचत

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर ऑक्सीजन उत्पन्न करने के लिए इलेक्ट्रोलिसिस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें आईएसएस की कुल ऊर्जा की एक तिहाई खत्म हो जाती है। नई तकनीक में ऊर्जा की खपत कम होगी।

चांद पर बेस की तैयारी

चीन 2035 तक चांद पर बेस स्थापित करने की योजना बना रहा है। नई तकनीक से अंतरिक्ष यात्री लंबे समय ऑक्सीजन पैदा कर सकेंगे व बेस पर रुक सकेंगे। चीन की 2030 तक चांद पर यात्रियों को उतारने की योजना है।

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