निविदा में नही कोई गड़बड़ी.. निजी स्वार्थ सिद्ध नही होने के कारण फैलाई जा रही भ्रामकता
कोरबा 12 अप्रैल। आदिवासी विकास विभाग कोरबा के सहायक आयुक्त द्वारा स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालयों के निर्माण/रेनोवेशन कार्य से संबंधित निविदाओं के बारे में फैलाई जा रही भ्रामकता को सिरे से नकारते हुए यह कहा गया है की निविदाओं में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं है। कुछ लोगों के निजी स्वार्थ सिद्ध नहीं हो पा रहे हैं इसलिए ही उनके द्वारा मीडिया के माध्यम से निराधार बातें फैला कर जनता व प्रशासन को दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि कलेक्टर जिला कोरबा के द्वारा 14 नवीन स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालयों में निर्माण/रेनोवेशन कार्यो हेतु कार्य-एजेंसी सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास कोरबा को नियुक्त किया गया है। जिसमें कार्यपालन अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग कोरबा के द्वारा प्रदत्त प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति के आधार पर निविदा जारी गई है। शासन के नियमानुसार कार्यपालन अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग कोरबा को राशि रू. 50.00 लाख तक तकनीकी स्वीकृति प्रदान करने के अधिकार है। साथ ही ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को अन्य विभागों में भी कार्य कराने का अधिकार प्राप्त है जिसमें आदिम जाति कल्याण विभाग भी शामिल है। ग्राम पंचायतों के माध्यम से संपादित हो रहे कार्यों में तकनीकी मार्गदर्शन, गुणवत्ता नियंत्रण व मूल्यांकन हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा निर्धारित एजेंसी है परंतु वह केवल ग्राम पंचायतों के कार्य करने हेतु बाध्य नहीं है।
उन्होंने यह भी बताया की आदिम जाति कल्याण विभाग का कोई अपना एस.ओ.आर. नही है। लोक निर्माण विभाग या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग में प्रचलित एस.ओ.आर. दर पर तैयार प्राक्कलन तथा सक्षम अधिकारी द्वारा दिये गये तकनीकी स्वीकृति के आधार पर निविदा की कार्यवाही की जाती है। उक्त कार्य हेतु पूर्व में भी तत्कालीन सहायक आयुक्त माया वारियर के द्वारा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग से प्राप्त तकनीकी स्वीकृति के आधार पर ही विकास खण्डवार निविदा आमंत्रित की गई थी। तब तत्कालीन सहायक आयुक्त पर अपने कुछ चुनिंदा ठेकेदारों को उपकृत करने के हिसाब से कार्यों को क्लब कर निविदा लगाए जाने का आरोप लगा था। जिसमें कुछ ठेकेदारों द्वारा आपत्ती दर्ज किये जाने पर निविदा निरस्त कर पुनः अलग-अलग संस्थाओं के लिए कार्यवार निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की गई है।
उन्होंने यह भी बताया की इन समस्त निर्माण कार्य हेतु कलेक्टर कोरबा द्वारा निविदा से संबंधित तकनीकी समिति का गठन किया गया था। जिसमें सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास कोरबा, कार्यपालन अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, जिला परियोजना समन्वयक, सहायक/उप अभियंता, आदिवासी विकास कोरबा को रखा गया है जो तकनीकी रूप से सक्षम व अधिकृत है। तकनीकी समिति के सुझावों व कोरबा कलेक्टर के अनुमोदन पश्चात ही कार्यों से संबंधित निर्णय लिए गए है। कार्यो का मूल्यांकन विभागीय उप अभियंता/सहायक अभियंता द्वारा किया जावेगा, जिसका सत्यापन कार्यपालन अभियंता द्वारा किये जाने के बाद भुगतान की कार्यवाही की जावेंगी। इसलिए उक्त कार्य में गड़बडी की कोई संभावना नहीं है।