हाथियों का दल लेमरू से फिर लौटा दूधीटांगर
कोरबा 12 अप्रैल। 20 हाथियों का दल एक बार फिर लेमरू से लौटकर कोरबा वनमंडल अंतर्गत बालको परिक्षेत्र के दूधीटांगर आ गया है। हाथियों के इस दल को मंगलवार की शाम ग्रामीणों ने वापस लौटते देखा और इसकी सूचना वन विभाग को दी, जिस पर बालको रेंजर जयंत सरकार के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और निगरानी करने के साथ ही हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा। हाथियों के जंगल में जाने के बाद टीम वापस मुख्यालय लौटकर आयी।
रेंजर ने बताया कि क्षेत्र में मुनादी कराकर ग्रामीणों को सतर्क कर दिया गया है। उनसे कहा गया कि क्षेत्र के जंगलों में हाथी फिर पहुंच गया है, सोवे हाथियों की मौजूदगी वाले जंगल से दूरी बनाये रखे। इससे पहले हाथियों का दल सोमवार की रात दूधीटांगर से आगे बढ़कर लेमरूरेंज की सीमा पर पहुंच गया था। हाथियों के दल के आगे और बढऩे की संभावना थी लेकिन मंगलवार को दिन भर यहां के जंगल में विचरण करने तथा कुछ देर विश्राम के बाद शाम को फिर वापस लौटकर बालको रेंज की सीमा पर प्रवेश किया और जंगल के रास्ते दूधीटांगर पहुंच गया। दूधीटांगर वापसी के दौरान कुछ लोगों की नजर गजदल पर पड़ी तो उन्होंने बालको परिक्षेत्र के अधिकारियों को सूचित कियाए जिस पर वन परिक्षेत्र अधिकारी के नेतृत्व में विभाग की टीम मौके पर पहुंची और हाथियों की निगरानी में जुट गई। दिन ढलने के बाद अंधेरा होने पर जब हाथी जंगल पहुंचे तो टीम वापस हुई। लौटने से पहले वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने दूधीटांगर व आसपास के गांवों में मुनादी कराकर ग्रामीणों को सतर्क करने का काम किया।
कटघोरा वनमंडल के केंदई व पसान रेंज में भी बड़ी संख्या में हाथी घूम रहे हैं। जहां 27 हाथियों की मौजूदगी पसान रेंज के गाड़ा-गोड़ा सेमरहा व बनिया के जंगलों में बनी हुई है, वहीं 14 हाथी केंदई रेंज के कापानवापारा व कोरबी सर्किल में विचरणरत है। कोरबी सर्किल में घूम रहे हाथियों का दल बीती रात यहां के मोहल्ले सिटी पखना में पहुंच गया और भारी उत्पात मचाने लगा। इस दौरान हाथियों ने बस्ती के बाहरी हिस्से में स्थित एक ग्रामीण के घर को निशाना बनाते हुए ढहा दिया। हाथियों के रात में पहुंचने और उत्पात मचाते हुए घर ढहाये जाने की सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी आज सुबह गांव पहुंचे और रात में हाथियों द्वारा किये गए नुकसानी का आंकलन करने के साथ ही रिपोर्ट तैयार की।