सेमरहा में हाथियों ने फिर उतारा गुस्सा, हमले में चार मवेशियों की मौत
कोरबा 17 नवम्बर। झु़ंड में शामिल शावक की पसान रेंज के बनिया गांव में मौत के बाद आक्रोशित हुए हाथियों का गुस्सा लगातार मवेशियों पर उतर रहा है। अब तक केंदई रेंज में ये हाथी अपना गुस्सा उतारकर मवेशियों को मौत की नींद सुला रहे थे। अब इस दल में से 35 हाथी अलग होकर एक बार फिर पसान रेंज पहुंच गए हैं। बीती रात यहां पहुंचते ही हाथियों ने जल्के सर्किल के सेमरहा गांव में हमला कर चार मवेशियों को मौत के घाट उतार दिया तथा बड़ी मात्रा में ग्रामीणों की फसल भी रौंद दी। हाथियों के अचानक पहुंचने व उत्पात मचाते हुए चार मवेशियों को मौत के घाट उतारे जाने तथा व्यापक पैमाने पर फसल रौंदने की सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचकर आंकलन शुरू कर दिए हैं। वहीं मृत मवेशियों का पोस्टमार्टम भी कराया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार कटघोरा वनमंडल के केंदई रेंज के लालपुर क्षेत्र में विचरण कर रहे 44 हाथियों के दल में से 35 हाथी बीती रात झुंड से अलग होकर पसान रेंज पहुंच गए और आधी रात के बाद जल्के सर्किल के सेमरहा गांव में पहुंचकर भारी उत्पात मचाने लगे। हाथियों का उत्पात काफी देर तक चला। इस दौरान हाथियों ने घासीराम पिता महावीर के बाड़ी में घुसकर वहां बंधे तीन भैंसों को निशाना बनाते हुए हमला किया और मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नहीं हाथियों ने पास में लगे बनवारी पिता जनसाय नामक ग्रामीण के बाड़ी में प्रवेश कर वहां बंधे बैल को भी सूंड से उठाकर पटक दिया। जिससे उसके प्राण पखेरू उड़ गए। बस्ती में उत्पात मचाने के बाद भी जब हाथियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो वे खेतों में पहुंच गए और वहां भी जमकर उत्पात मचाते हुए व्यापक पैमाने पर फसलों को चौपट कर दिया। सेमरहा गांव में हाथियों के उत्पात की सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी आज सुबह गांव पहुंचे और हाथियों द्वारा रात में किये गए नुकसानी का सर्वे प्रारंभ कर दिया है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाथियों के हमले में चार मवेशियों मौत हुई है जिसका पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पोस्टमार्टम के बाद आवश्यक दस्तावेजी कार्यवाही की जाएगी। उधर 9 हाथी केंदई रेंज के कोरबी सर्किल तथा 11 हाथी बोटोपाल में घूम रहे हैं। हाथियों के दोनों ही दलों द्वारा फसल नुकसानी की खबर है। वन विभाग के अधिकारी प्रभावित गांवों में पहुंचकर आंकलन में जुट गए हैं।