जमीन के बदले रोजगार: एसईसीएल मुख्यालय मेंं घुसकर भूविस्थापितों ने दिया धरना, कहा-सितम्बर में फिर करेंगे खदान बंद

कोरबा 12 अगस्त। जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर कुसमुंडा में आंदोलन कर भू-विस्थापितों ने एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय में अधिकारियों से चर्चा करने पहुंचे, पर सुरक्षा कर्मियों द्वारा मिलने से रोकने पर वाद-विवाद होने की वजह से प्रतिनिधि मंडल कार्यालय के अंदर ही धरना में बैठ नारेबाजी करने लगे। बाद में निदेशक तकनीक एस के पाल ने बैठक कर कहा कि प्रत्येक खातेदार को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी और दोहरे भू-अर्जन में दो रोजगार दिया जाएगा।

लंबित रोजगार प्रकरणों के शीघ्र निपटारा जल्द नहीं होने की वजह से भू-विस्थापितों का सब्र टूटता जा रहा है। हालांकि एसईसीएल ने न्यूनतम दो एकड़ अधिग्रहण पर एक रोजगार देने के नियमों में बदलाव करते हुए एक अर्जन पर एक रोजगार देने के साथ, दोहरे अर्जन में रोजगार देने और नाती पोते को रोजगार देने के लिए आंदोलन के दबाव में अपना नियम को बदलना। किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि भू-विस्थापितों की 283 दिन पहले शुरू की गई आंदोलन में प्रमुख मांग थी कि भूमि सीमा की बाध्यता को खत्म करते हुए हर अर्जन पर एक स्थायी नौकरी दी जाए। बुधवार को एक प्रतिनिधि मंडल एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने पहुंचा, तब वहां पदस्थ सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। इस पर प्रतिनिधि मंडल के साथ सुरक्षा कर्मियों की नोंक-झोंक हो गई। नाराज भू-विस्थापित जमीन में बैठ कर नारेबाजी करने लगे। इससे सीएमडी कार्यालय में तनाव पूर्ण स्थिति निर्मित हो गई। बाद में एसईसीएल के निदेशक तकनीक पीएडंपी एसके पाल ने प्रतिनिधि मंडल से चर्चा कर मांग पूरी करने का आश्वासन दिया। अर्जन के बाद जन्म वाले सभी भू-विस्थापितों के फाइलों को भी पूर्ण करने का निर्देश डीटी ने क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को दिया। रोजगार एकता संघ के दामोदर श्याम और रेशम यादव ने लंबित रोजगार प्रकरणों में वनटाईम सेटलमेंट के आधार पर रोजगार देने पर जोर दिया।

बैठक में भू-विस्थापितों ने कहा कि अगस्त माह में सभी खातेदारों को रोजगार देने को लेकर उचित कार्रवाई नहीं होने पर सितंबर माह में सभी मेगा प्रोजेक्ट कुसमुंडा, गेवरा खदान बंद आंदोलन करने की बात कही। किसान सभा के नेता दीपक साहू ने नरईबोध गांव में कई पीढिय़ों से शासकीय भूमि पर काबिज को परिसंपत्तियों का मुआवजा देने और बसावट देने की मांग पर निदेशक पाल ने कहा कि शासकीय भूमि पर काबिजों को भी बसावट की सुविधा दी जाएगी। इस दौरान छत्तीसगढ़ किसान सभा की ओर से जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक रोजगार एकता संघ की ओर से दामोदर श्याम, रेशम यादव, रघु, दीनानाथ, चंद्रशेखर, बसंत चौहान, मोहन कौशिक, अनिल बिंझवार,मोहन यादव, बेदराम,राजेश यादव, रामप्रसाद, सनत, नरेंद्र, होरीलाल, रविशंकर, घनाराम, बजरंग सोनी, सुमेंद्र सिंह कंवर, अश्वनी, विजय व प्रबंधन की ओर से ए के संतोषी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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