डाक्टर की लापरवाही से शिक्षक की मौत, कलेक्टर से की गई जांच की मांग

कोरबा 23 मार्च। रामुपर आईटीआई के निकट जेके अस्पताल का संचालन अयोग्य डाक्टर और चिकित्सक स्टाफ  के भरोसे हो रहा है। यहां पदस्थ डाक्टर की लापरवाही की वजह से एक शिक्षक की मौत हो गई। मामले की जांच करते हुए दोषियों के खिलाफ  दंडात्मक कार्रवाई की जाए।   

जिला कलेक्टर से इस आशय की मांग लेकर छत्तीसगढ़ कलार महासभा के सदस्य मंगलवार को जन दर्शन में पहुंचे थे। महासभा के अध्यक्ष अनुज कुमार ने बताया कि ग्राम करनौद जिला जांजगीर निवासी शिक्षक संतोष कुमार डडसेना को पथरी की बीमारी थी। उसे इलाज के लिए के लिए जेके अस्पताल मे भर्ती कराया गया था। अस्पताल में पदस्थ डांक्टर जेके लहरे ने एक माह में बीमारी ठीक करने का आश्वासन देते हुए तीन हजार की दवाएं लिखी और इलाज शुरू किया। इंजेक्शन लगाने के बाद बाटल लगाया। इलाज शुरू होते ही मरीज संतोष की सांस फुलने लगी और बेचैनी के कारण पसीने आने लगा। बिगड़ते हालत को देखकर उसके स्वजन हरीश डडसेना ने बाटल निकलवा दी लेकिन डा. लहरे ने दवा का असर होने के बात कहते हुए बाटल फिर लगा दिया। कुछ समय बाद मरीज की सांस थम गई। घबराकर डा. लहरे ने संतोष को निकट के कृष्णा अस्पताल भेज दिया, जहां के डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। महासभा के अध्यक्ष अनुज कुमार का कहना है संतोष की मौत के लिए डा जेके लहरे जवादेय है। उनके द्वारा संचालित अस्पताल की मान्यता प्रमाण पत्र और चिकित्सा प्रमाण पत्र आदि की जांच कर दोषी डाक्टर पर कार्रवाई की जाए। शिकायत लेकर पहुंचे समाज के सदस्यों के अलावा मृतक के स्वजन भी उपस्थित थे।

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