ऋण या दायित्व के भुगतान के लिए दिए गये चेक को प्रमाणित करने का भार परिवादी का

कोरबा 24 मार्च। 138 लिखित अधिनियम के मामले मे श्रीमान न्यायिक मजिस्ट्रेट उच्च श्रेणी के द्वारा छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक बनाम रवि शंकर वरनदानी के मामले मे निर्णय कर अभियुक्त को दोषमुक्त किया आरोपी की ओर से अधिवक्ता श्री मंजीत अस्थाना ने पैरवी करते हुए न्यायलय के समक्ष प्रमाणित किया कि बैंक द्वारा अनादरित पांच लाख का चेक किसी लोन के भुगतान हेतु जारी नहीं किया गया।
बैंक के द्वारा दिये गये साक्ष्य का आरोपी के अधिवक्ता श्री मंजीत अस्थाना ने खंडन करते हुए पुरे मामले को संदेह से परे प्रमाणित करने मे सफल हुए और रवि शंकर वरनदानी को धारा 138 पराक्रमय लिखित अधिनियम से मुक्त कराया।
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