गोंगपा कार्यकर्ता मचाते रहे तांडव, प्रशासन की लचर व्यवस्था की खुली पोल

कोरबा 2 मार्च। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी गोंगपा के कार्यकर्ताओं ने जिस ढंग से गुरसियां में तोड़फोड़ व आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया, उससे पुलिस की कमजोर सूचना तंत्र व प्रशासन की लचर व्यवस्था की पोल खुल गई है। पार्टी के संस्थापक स्व हीरा सिंह मरकाम की मूर्ति तोड़े जाने की घटना के बाद से आंदोलन चल रहा था। जनआक्रोश सभा का भी एलान किया गया था। इस दौरान उग्र प्रदर्शन की आशंका बनी हुई थी। इसके बावजूद कार्यकर्ताओं को सभा स्थल तक पहुंचने दिया गया और भीड़ इस कदर बढ़ी कि हुड़दंगियों के सामने पुलिस असहाय रही। 24 घंटे गुजर जाने के बाद भी गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू नहीं की गई है।

17 फरवरी को बांगो थाना के अंतर्गत आने वाले ग्राम गुरसियां में लगे स्व हीरा सिंह मरकाम की मूर्ति तोड़ जाने की घटना हुई। इस घटना की रिपोर्ट गोंगपा की तरफ से लिखाई गई। 24 फरवरी को पुलिस ने इस मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार की, पर पार्टी के नेता पुलिस की इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हुए। उनका कहना था कि पर्दे के पीछे रह कर इस घटना को जनपद सदस्य भोला गोस्वामी व व्यापारी राजेश जायसवाल ने अंजाम तक पहुंचाया, उन्हें पुलिस बख्श रही है। इनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर 28 फरवरी को व्यापक आंदोलन का ऐलान किया गया था। गोंगपा के लिए यह किसी शक्ति प्रदर्शन से कम नही थी, इसलिए छत्तीसगढ के अलावा मध्य प्रदेश के अनूपपुरए,मंडला समेत कई जिले के कार्यकर्ताओं को आंदोलन में शामिल होने बुलवा लिया था। दोपहर होने तक करीब सात हजार कार्यकर्ता सभा स्थल पर एकत्रित हो गए। गंभीर बात तो यह है कि पुलिस को इस बात का अंदाजा ही नहीं था कि सभा में इतनी भीड़ जुटने वाली है। अचानक 12 बजे सैकड़ों युवा कार्यकर्ता सभा स्थल से करीब एक किलोमीटर दूर कटघोरा-अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पहुंच गए और चक्काजाम कर दिए। उपद्रव करते हुए कार्यकर्ता बलपूर्वक दुकानों को बंद कराना शुरू कर दिया। भोला के घर के सामने खड़ी गाड़ियां में तोड़ फोड़ करते हुए घर में घूस गए और जमकर हंगामा किए। पास में राजेश की दुकान संचालित है। वहां खड़ी पांच दोपहिया वाहन को मुख्य मार्ग में लाकर आग के हवाले कर दिए। पुरूष कार्यकर्ता हाथ में लाठी, तीर धनुष व तलवार रखे थे। महिला कार्यकर्ताओं ने भी लाठी व हसिया थाम रखा था। करीब एक घंटे तक गुरसियां में कानून व्यवस्था बिगड़ी रही। डरे सहमे व्यापारी घरों के अंदर दुबके रहे। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल पहुंची, तब कही जाकर स्थिति को काबू में किया जा सका। पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सभा स्थल पर रहती, तो शायद यह घटना नहीं होती। पहले घटना रोकने पर पुलिस असफल रही और अब जांच के बाद कार्रवाई करने की बहानेबाजी कर रही।

अपराध दर्ज, पर नामजद आरोपित नहींः-जिन लोगों के घर में तोड़ फोड़ कर गाडियां जलाई गई हैं। वे बेहद डरे हुए हैं, इसलिए इसकी रिपोर्ट पुलिस में उन्होंने नहीं लिखवाई। पुलिस खुद प्रार्थी बन कर बलवा व आगजनी की घटना को अंजाम देने का अपराध धारा 452, 147, 148, 149, 427, 435, 336 के तहत पंजीबद्ध किया गया है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद आरोपितों के नाम दर्ज किए जाएंगे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा का कहना है कि तोड़ फोड़ करने वालों की शिनाख्ती के लिए वीडियो फूटेज खंगाला जा रहा है। इसके बाद गिरफ्तारी की जाएगी। घटना के दूसरे दिन मंगलवार को पुलिस ने क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने फ्लैग मार्च की।

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