शासकीय स्कूलों में फीस निर्धारित होने पर भी प्राचार्य वसूल रहे अधिक फीस

कोरबा 1 अक्टूबर। सरकारी स्कूलों के खुलने के साथ ही शासन की ओर से छात्र-छात्राओं के लिए फीस निर्धारित कर दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसमें हायर सेकेंडरी के लिए 415 तो शासकीय हाई स्कूलों के लिए 380 रुपये वार्षिक शुल्क रखा गया है। इस विषय में कोरबा पैरेंट्स एसोसिएशन से जिला शिक्षा विभाग से एक शिकायत की गई है। इसमें कहा गया है कि तय मापदंड के विपरीत कुछ स्कूलों में प्राचार्य 100 से 150 रुपये अधिक फीस की वसूली कर रहे हैं।

एसोसिएशन के अध्यक्ष नूतन सिंह ठाकुर ने बताया कि लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ की ओर से प्रदेश के सभी शासकीय स्कूलों के लिए फीस निर्धारित किया गया है। इस संबंध में इसी माह 13 सितंबर को आयुक्त ने आदेश जारी कर छात्र.छात्राओं से हाई स्कूल के लिए 380 रुपये व हायर सेकेंडरी स्कूलों के लिए 415 रुपये फीस लेने का निर्देश दिया है। शासन के इस आदेश की आड़ में कोरबा के अनेक शासकीय स्कूलों के प्राचार्य 100 से 150 रुपये ज्यादा वसूल रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से संबंधित होने के कारण अधिकांश बच्चे मजबूरी में शासकीय स्कूलों में पढ़ते हैं। पर कुछ शासकीय स्कूलों के प्राचार्य अपने निजी स्वार्थ के लिए इन निर्धन बच्चों से अधिक फीस की वसूली कर रहे हैं। कोरबा पैरेंट्स एसोसिएशन की ओर से जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग से मांग की गई है कि शासकीय स्कूलों में इस तरह निर्धारित से अधिक फीस वसूली करने की मनमानी पर तत्काल रोक लगाई जाए। इसके साथ ही छात्र.छात्राओं को फीस की रसीद प्रदान करने का निर्देश सभी शासकीय स्कूलों को दिया जाए।

लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त की ओर से 13 सितंबर को जारी दिशा-निर्देश के अनुसार हाई स्कूलों के लिए कार्यकलाप शुल्क 50 रुपये, निर्धन छात्र सहायता निधि दस, विज्ञान क्लब निधि दस रुपये, बालचर निधि 20, रेडक्रास निधि 30, क्रीड़ा शुल्क 50 रुपये, विज्ञान क्लब दस, विज्ञान प्रायोगिक शुल्क 50 रुपये व 150 परीक्षा शुल्क समेत कुल 380 रुपये निर्धारित है। इसी तरह हायर सेकेंडरी में कार्यकलाप शुल्क 50 रुपये, निर्धन छात्र सहायता निधि दस, विज्ञान क्लब निधि दस रुपये, बालचर निधि 20, रेडक्रास निधि 30, क्रीड़ा शुल्क 65 रुपये, विज्ञान क्लब दस, विज्ञान प्रायोगिक शुल्क 70 रुपये व परीक्षा शुल्क 150 समेत कुल 415 रुपये निर्धारित है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष नूतन सिंह ठाकुर ने बताया कि इस मामले में जिला शिक्षा विभाग की ओर से एसोसिएशन को जवाब दिया गया है। विभाग का कहना है कि लोक शिक्षण आयुक्त की ओर से पत्र में लिया जाने वाला प्रस्तावित शुल्क भेजा गया है। पर इस संबंध में अभी आदेश जारी नहीं हो सकता है। शासन से शुल्क लेने के संबंध में पत्र जारी नहीं हुआ है। शिक्षा विभाग की ओर से इंटरनेट मीडिया पर बनाए गए प्राचार्य ग्रुप में शुल्क नहीं लेने निर्देशित किया है।

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