छत्तीसगढ़ में कौन बनेगा चन्नी? नवरात्रि में मिल सकते हैं राज्य को नए सी. एम.

नईदिल्ली 1 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद को लेकर मचे घमासान के बीच खबर आ रही है कि नवरात्रि में यहां सत्ता परिवर्तन हो सकता है। ढाई- ढाई साल के फार्मूले पर अमल में कठिनाई होने पर पंजाब की तरह कोई तीसरा विकल्प भी तलाशा जा सकता है।

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के लगभग 25 विधायक इस समय दिल्ली में मौजूद है। इनकी अगवाई आदिवासी नेता और विधायक वृहस्पत सिंह कर रहे हैं। हालांकि इनमें से कोई भी विधायक खुले तौर पर कुछ नहीं बोल रहा है, लेकिन संकेत यही मिल रहे हैं कि ये सभी नेता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन में दबाव बनाने दिल्ली आए हैं। इन्हें कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी पी. एल. पुनिया से मुलाक़ात का इंतज़ार है, ताकि पूरी दमदारी के साथ वे अपनी यह बात रख सकें। इनका कहना है कि छत्तीसगढ़ में किसी तरह के कोई परिवर्तन की ज़रूरत नहीं है।

उधर ढाई साल की अपनी पारी का इंतजार कर रहे स्वास्थ मंत्री टी. एस. सिंहदेव का लगातार संतुलित बयान आ रहा है और उनके हर बयान में एक तरह से यही संदेश छिपा है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी बहुमत मिलने के बाद छत्तीसगढ़ को लेकर जो अंतिम फ़ैसला हुआ था, वह राहुल गांधी, पी. एल. पुनिया, भूपेश बघेल एवं टी. एस. सिंहदेव इन चार के बीच ही हुआ था।

उल्लेखनीय है कि जुलाई माह से छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद को लेकर जो अटकलों का दौर शुरु हुआ वह अब तक जारी है। इस अधर वाली स्थिति ने न सिर्फ प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेताओं अपितु छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक वर्ग में भी भ्रम की स्थिति बना रखी है। इस भ्रम ने छत्तीसगढ़ की व्यवस्था को ठप्प कर रखा है।

बहरहाल सूत्रों से संकेत मिल रहे हैं कि राहुल गांधी छत्तीसगढ़ को लेकर अब स्थिति स्पष्ट कर देने के मूड में आ चुके हैं। छत्तीसगढ़ के संबंध में फैसला लेने की तारीख़ 28 सितंबर के आसपास थी, लेकिन के घटनकर्मके कारण यह समय निकल गया। पंजाब में कैप्टन अरमिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाकर वहां चरणजीत सिंह चन्नी को बिठाने तथा उसके बाद पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफ़ा, ऐसे घटनाक्रम रहे जिसने दिल्ली दरबार को बुरी तरह उलझा दिया। पंजाब से जुड़े फ़ैसलों पर प्रियंका गांधी की अहम् भूमिका रही थी और वहां जिस तरह उथल-पुथल मची उसके बाद राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ पर स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने का फ़ैसला कर लिया है। राहुल के ही फ़ैसले पर श्रीमती सोनिया गांधी की अंतिम रूप से मुहर लगेगी।

इस बीच खबर आ रही है कि भूपेश बघेल और टी एस सिंहदेव के बीच शीत युद्ध की संभावना के मद्देनजर छत्तीसगढ़ में भी पंजाब का फार्मूला लागू किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में बड़ा सवाल यह है कि छत्तीसगढ़ का “चन्नी” कौन होगा? इस सवाल के जवाब में कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ पर फैसला राहुल गांधी को लेना है। छत्तीसगढ़ में उनके सबसे करीबी कांग्रेस नेता विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत हैं। डॉ महंत का प्रदेश के सभी नेताओं से मधुर सम्बन्ध है। एक ओर उनको मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपना बड़ा भाई मानते हैं, वहीं स्वास्थ मंत्री टी एस सिंहदेव से उनकी निकट जग जाहिर है। ऐसे में पंजाब के दोहराव से बचने के लिए राहुल गांधी बीच का रास्ता निकाल सकते हैं।

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