आई ओ सी एल के गेट पर एटक का धरना- प्रदर्शन 27/8 को

कोरबा 20 अगस्त। छत्तीसगढ़ ठेका कामगार यूनियन, एटक प्रधान कार्यालय मुस्ताक भवन, बालकोनगर में सामान्य सभा (Gen cral Body Meeting) का आयोजन किया गया। इस बैठक के पूर्व प्रातः 9.00 बजे यूनियन के महासचिव एम. एल. रजक द्वारा 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के ऐतिहासिक अवसर पर यूनियन प्रांगण में ध्वजारोहण किया गया। शहीद वेदी में पुष्पांजली के बाद 10.00 बजे छ.ग. एटक के राज्य महासचिव व यूनियन के अध्यक्ष द्वारा सामान्य सभा (General Body Meeting) का विधिवत उद्घाटन किया गया। उक्त उद्घाटन कार्यक्रम में सभा को उद्बोधन करते हुए का. हरिनाथ सिंह ने कहा कि का रजक और आई.ओ. सी. एल. के साथियों ने कोरवा में लंबा आंदोलन 22 जनवरी से 24 मार्च 2021 तक का बहुत बड़े दिनों बाद एक नया इतिहास रचा अब आईओसीएल प्रबंधन द्वारा वादा खिलाफी करते हुए हमें आंदोलन के लिए ललकार रही है। यह सब वर्तमान भारत सरकार के द्वारा किये गये मजदूर विरोधी कार्यवाही (श्रमिकों पर चार फोड़ डाला गया है) यह प्रबंधन के लिए मददगार है। यह सब जानते हुए प्रबंधन के मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ हमें विवश होकर आंदोलन में जाना हमारी मजबुरी बन गई है। का. रजक ने सारगर्भित रिपोर्ट पेश किया।

उन्होंने बताया कि बालको मजदूरों (ठका कामगारों) के ऐतिहासिक आंदोलन जो 15 मार्च से 30 मार्च 1989 से प्रेरणा लेकर का हरिनाथ सिंह के नेतृत्व में 15 दिनों का आंदोलन ने इतिहास रचा था। इससे प्रेरणा लेकर छ.ग. से मजदूरों का शोषण का बीड़ा उठाते हुए छ. ग. ठेका कामगार यूनियन 2006 में गठन किया गया।

सी.एस.ई.बी. कोल तथा एन.टी.पी.सी. में आंदोलन कर मजदूरों की जीत करवाई है और अब न्यूनतम वेतन, सालाना बोनस, पी.एफ. कटौती, ई.एल. सी. एल. त्यौहारिक छुट्टी स्टेडिंग आर्डर के अनुरूप सुविधा दिलाने में सफल हुए हैं। भारत सरकार के गैस आयल कम्पनी आई ओ सी एल, गोपालपुर में श्रम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इसे रोकने के लिए 27 अगस्त 2021 को एक दिन का एक दिवसीय धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से गेट नंबर-1 के बाहर किये जाने या निर्णय लिया गया है। यह धरना प्रदर्शन में हजारों मजदूर भाई-बहन शामिल होंगे।

यह धरना प्रदर्शन में प्रबंधन तथा प्रशासन को ज्ञापन दिया जाना है, इसमें मुख्य रूप से स्थानीय बेरोजगारों महिला- पुरुष तथा पूर्व के बदली मजदुर, सुरक्षा कर्मचारी तथा कारखाने के आसपास के स्थानीय लोगों को रोजगार देने का वादा किया गया था जिससे अब प्रबंधन मुकर रही है। ट्रक ड्राईवर व क्लीनर प्रत्येक ट्रक पर आते हैं और यहां से ऑयल से जाते हैं। क्लीनर को गेट के बाहर मजदूरी में रहना पड़ता है, यहां यह बाहर गमी, बरसात व ठंडी में मजबूरी में पड़ा रहता है, उन्हें कोई देखने वाला नहीं है। इसलिए इस धरना के माध्यम से उनकी भी मांगों को उठाई गई है कि ट्रक क्लीनर को दूसरे दर्जे का नागरिक माना जा रहा है, उन्हें नागरिक सुविधाओं से पृथक किया गया है। इसलिए हमारी मांग है कि प्रबंधन क्लीनर साथियों के लिए नागरिक सुविधा का व्यवस्था करे जिसमें आराम करने के लिए तथा वाशिंग तथा कँटीन की व्यवस्था करे एवं समान रेट पर ड्राइवर साथियों को भोजन की व्यवस्था करे।

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