पावर प्लांट के लिए निकला तीन ट्रक कोयला निजी प्लाट में खप गया , पुलिस ने दर्ज किया एफआईआर
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कोरबा । औद्योगिक नगरी कोरबा की कोयला खदानों से काले हीरे की चोरी बदस्तूर जारी है। वहीं विभिन्न पावर संयंत्रों के लिए निकले डीईओ वाले कोयला पर भी काली निगाह है। ऐसे कोयले को पावर संयंत्रों के बजाए निजी प्लाट में डंप किया जा रहा है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है।
कुसमुंडा खदान से लिंकेज का कोयला बजरंग पावर प्लांट तिल्दा को आपूर्ति की जा रही। इसके लिए एसईसीएल प्रबंधन ने डीओ जारी किया है। पावर प्लांट प्रबंधन ने कोयला उठाने के लिए गेवरा बस्ती कुसमुंडा निवासी महेश तिवारी पिता श्रीकांत तिवारी (39) को अधिकृत किया है। लिफ्टर महेश की जिम्मेदारी है कि वह खदान से कोयला लोड कराकर प्लांट तक सड़क मार्ग से भेजे। बताया जा रहा है कि 27 मई को ट्रक क्रमांक सीजी 07 बीएफ 4755 में 28.48 टन, ट्रक क्रमांक सीजी 07 बीपी 3855 में 28.730 टन व ट्रक क्रमांक सीजी 07 बीपी5999 में 28.540 टन कोयला समेत कुल 85.79 टन कोयला प्लांट के लिए रवाना किया गया था। 30 मई को कंपनी से लिफ्टर को सूचना दी गई कि खदान से भेजा गया कोयला का स्तर काफी खराब है। पत्थर और चूरा अनलोड कर ट्रक चालक और खलासी चले गए हैं। इसके बाद लिफ्टर महेश कंपनी पहुंचा और कोयला की जांच की तो पता चला कि वह कोयला नहीं है, जिसे उसने खदान से रवाना किया था। इसका सीधा मतलब है कि रास्ते में ट्रक चालक ने कोल डिपो के संचालक से सांठगांठ कर अच्छा कोयला डिपो में अनलोड कर खराब कोयला लोड कर लिया। करीब एक लाख 80 हजार रुपये का चूना कंपनी को लगा है। इस घटना की शिकायत कुसमुंडा थाने में की गई है। पुलिस ने तीनों ट्रक के मालिक, चालक, हेल्पर व कोयला खरीदने वाले अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धारा 34, 407 अमानत में खयानत का मामला पंजीबद्ध किया है।
कोरबा जिले का बॉर्डर क्रॉस करते ही बेलतरा, रतनपुर व बिलासपुर में कई कोल डिपो संचालित है। कायदों का उल्लंघन करते हुए इन डिपो में इसी तरह पलटी कर कोयला की अफरा-तफरी लंबे समय से की जा रही। पहली बार इस तरह की घटना नहीं हुई है। कई और मामले सामने आ चुके हैं। पुलिस ने कुछ महीने पहले कोयला अफरा-तफरी के मामले में डिपो संचालक व ट्रक चालक, मालिक को गिरफ्तार किया था।