लोकसभा चुनाव में निराशाजनक परिणाम का साइड इफेक्ट : राशन दुकान आवंटन निरस्त करने के मूड में भूपेश सरकार 


न्यूज एक्शन । लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक परिणाम के बाद हार के कारणों की समीक्षा की जा रही है ।हार की समीक्षा का बड़ा कारण माना जा रहा है कि राशन दुकानों में वर्षों से भाजपा के लोग काबिज हैं, जिन्होंने चुनाव के दौरान हितग्राहियों को वितरित होने वाले राशन को सरकार द्वारा बंद करने की अफवाह फैलाई थी और कहीं-कहीं कृत्रिम संकट भी पैदा किया गया था । जिसकी वजह से कांग्रेस को प्रदेश में बड़ा नुकसान झेलना पड़ा । यही वजह है कि प्रदेश की भूपेश सरकार छत्तीसगढ़ के सभी राशन दुकानों का आबंटन निरस्त कर नए सिरे से दुकानों का आबंटन करने के मूड में है । सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर इस तरह की कार्रवाई करने के पीछे लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार को वजह माना जा रहा है ।सूत्रों के मुताबिक हार को लेकर पार्टी की चल रही समीक्षा बैठक में यह बात निकल कर सामने आई कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिलने के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ कि आम चुनाव में पार्टी को बड़ी निराशा हाथ लगी ।समीक्षा बैठक में जो एक बड़ी वजह निकल कर सामने आई उसके मुताबिक लोकसभा चुनाव के दौरान हितग्राहियों को मिलने वाले राशन को लेकर सुनियोजित तरीके से एक बड़ी अफवाह उड़ाई गई थी ।जिसका खामियाजा पार्टी को चुनाव में उठाना पड़ा । लेकिन सवाल यह उठता है कि जहाँ पीडीएस सिस्टम लागू नहीं है उन राज्यों में कांग्रेस कैसे हारी ? बहरहाल राशन दुकान के नए सिरे से आबंटन की खबर के बीच सोसायटी संचालकों में हडकंप मच गया है । सूत्र बताते है कि ऐसे संचालक अब एकजुट होकर विधिसम्मत तरीके न्यायलय की शरण में जाने तक की योजना भी बना चुके हैं । वहीं कुछ संचालक सरकार के इस निर्णय को बदलापुर के चश्मे से देख रहे हैं । उनका कहना है कि अगर बिना जांच के राशन दुकान आवंटन रद्द किया जाता है तो यह गलत है , जांच में खाद्यान्न संबंधित अनियमितता पाए जाने पर सरकार कार्रवाई करे तो बेहतर होगा । बहरहाल भूपेश सरकार के इस फैसले पर सियासत गरमाने के पूरे आसार हैं ।

Spread the word