परिवहन नियमों को दरकिनार कर चला रहे थे ड्राईविंग स्कूल, आरटीओ ने तेजसिंह व बाबा मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल को थमाया नोटिस
न्यूज एक्शन। यातायात नियमों को दरकिनार कर ड्राईविंग सिखाने वाले दो संस्थाओं के खिलाफ जिला परिवहन विभाग ने कार्रवाई करते हुए नोटिस थमाया है। विभाग की जांच में यह खुलासा हुआ कि नियमों को दरकिनार कर इन दोनों स्कूलों में वाहन परिचालन का पाठ पढ़ाया जा रहा था। नियम तोड़कर ड्राईविंग के नियम सिखाने वाली संस्थाओं को व्यवस्था सुधारने की मियाद दी गई है।
जिन्हें नोटिस थमाया गया है उनमें तेजसिंह मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल व बाबा मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल शामिल हैं। जब परिवहन विभाग की ओर से इन स्कूलों में प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल हो रहे वाहनों की जांच की, तो पाया गया कि स्कूल संचालक इन वाहनों में भी परिवहन नियमों का पालन नहीं कर रहे। दोनों संस्थाओं को नोटिस जारी किया गया है।
जब हम वाहन चालन में प्रशिक्षण लेने जाते हैं तो सबसे पहले वाहन के प्रत्येक भाग से रूबरू होते हैं। इसके बाद उन भागों का इस्तेमाल कैसे करना है, इसके बारे में सिखाया जाता है। उदाहरण के लिए इंडिकेटर, बैक लाइट, व्यू मिरर जैसे पाट्र्स। अब अगर वाहन में इन पाट्र्स का अभाव हो, तो भला उनका इस्तेमाल हम कैसे सीख सकेंगे? कुछ इसी तरह की कमियां जिले में संचालित मोटर ड्राइविंग स्कूलों के वाहन में नजर आईं। जिला परिवहन विभाग की ओर से जिले में संचालित दो मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों में प्रयुक्त वाहनों की जांच कार्रवाई की। जांच में यह बात सामने आई कि प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल किए जा रहे वाहनों में ऐसे कई पाट्र्स गायब हैं, जिनकी ड्राइविंग के वक्त सख्त जरूरत होती है। खासकर ड्राइविंग प्रशिक्षण में इन उपकरणों का होना काफी महत्वपूर्ण है, जो सडक़ पर सुरक्षित परिचालन में मददगार साबित होते हैं। वाहन के इन जरूरी भागों को नदारद देख जिला परिवहन अधिकारी ने दोनों मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों को नोटिस जारी कर कमियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं। जिले में मोटर ड्राइविंग प्रशिक्षण के लिए दो संस्थाएं कार्यरत हैं। इनमें तेज सिंह व बाबा मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल शामिल हैं। दोनों संस्थाओं में ड्राइविंग प्रशिक्षण के लिए प्रयोग किए जाने वाले वाहनों की जांच की गई, तो परिवहन अधिकारी ने पाया कि वाहनों के रियर व्यू मिरर, इंडिकेटर व बैक लाइट, रियर मॅड गार्ड जैसे भाग नदारद हैं। यही वजह है जो इन वाहनों में परिवहन विभाग के मापदंड के अनुरूप पाई गई कमियों के लिए नोटिस जारी किया गया है। संस्थाओं को त्रुटि सुधार कर सात दिन के भीतर वाहन को पुन: निरीक्षण के लिए प्रस्तुत करने कहा गया है। सवाल यह है कि जब प्रशिक्षण करने वाली संस्था ही नियम दरकिनार करे, तो प्रशिक्षार्थी क्या सीखेंगे?