अशोक जुनेजा के रिटायरमेंट के बाद रिक्त हुए पद पर हुई पदोन्नति

रायपुर। 1994 बैच के आईपीएस जीपी सिंह को डीजी के पद पर प्रमोशन को मंजूरी मिल गई है। मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता वाली विभागीय पदोन्नति समिति ने जीपी सिंह के प्रमोशन देने की अनुशंसा कर दी है। डीपीसी की बैठक में मुख्य सचिव जैन के साथ एसीएस होम मनोज पिंगुआ, एसीएस सुब्रता साहू और डीजीपी अशोक जुनेजा शामिल हुए।

डीजीपी अशोक जुनेजा के रिटायरमेंट के बाद डीजी रैंक पर एक पद रिक्त हो रहा था। सोमवार को विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में इस रिक्त पद पर जीपी सिंह को प्रमोशन देने की अनुशंसा की गई थी। बर्खास्तगी से बहाल होने के बाद एडीजी के पद पर जीपी सिंह की बहाली हुई थी। अब उन्हें प्रमोशन देकर डीजी बना दिया गया है।

पिछली कांग्रेस सरकार के समय जीपी सिंह पर तीन आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए थे और राज्य सरकार के प्रपोजल पर जीपी सिंह को केंद्र सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृति दे दी थी। जीपी सिंह द्वारा सेवा से पृथक किए जाने को कैट में पहले चुनौती दी थी जहां से उन्हें सेवा में वापस समस्त लाभों के साथ बहाल करने के आदेश दिए गए थे। कैट के आदेश यूनियन ऑफ़इंडिया ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट में भी जीपी सिंह के पक्ष में फैसला दिया था। यूनियन ने इसे फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। पर जीपी सिंह को सेवा से पृथक करने की फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी अन्याय पूर्ण और विधि विरुद्ध मानते हुए उनकी बहाली के निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद केंद्र सरकार ने 12, दिसंबर 2024 को जीपी सिंह को बहाल करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें बहाल कर दिया था।जीपी सिंह ने बहाली आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय में जॉइनिंग भी दे दी थी। जॉइनिंग के साथ यूपीएससी पैनल में डीजी के पद पर नाम जुड़वाने जीपी सिंह ने अभ्यावेदन दिया था। जीपी की दलील थी कि वे 1994 बैच के सबसे सीनियर अफसर है लिहाजा उनका भी नाम डीजी पैनल में जोड़ा जाए। जीपी के अभ्यावेदन के बाद यूपीएससी ने सरकार को पत्र लिखा था।

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