मुआवजा की मांग को लेकर ग्रामीणों ने रोका सड़क निर्माण

तीन महीने में सभी समस्याएं होंगी दूर, एसडीएम ने दिया भरोसा

कोरबा 14 दिसम्बर। अंबिकापुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे 130बी के अंतर्गत कटघोरा क्षेत्र के जुराली में भी जमीन अर्जित की जानी है। काफी समय से इस चक्कर में सडक निर्माण का काम अटका हुआ है। पिछले दिनों प्रशासन ने जुराली में जमीन का सर्वे किया, जिसके लिए प्रक्रियाएं काफी समय से चल रही थी। आज यहां दल-बल के साथ टीम पहुंची। लोगों ने भी तेवर दिखाए। उनकी मांग है कि प्रति वर्गफीट के हिसाब से सरकार उन्हें अर्जित जमीन का मुआवजा दे। जबकि प्रशासन गाइड लाइन की बात कर रहा है। इसे लेकर यहां टकराव की स्थिति बनी रही।

जानकारी के मुताबिक जुराली में लगभग 130 लोगों की जमीन नेशनल हाईवे के दायरे में है, जिसे अर्जित किया जाना है। संबंधित लोगों मेें किसान और जन सामान्य शामिल हैं। किसी की कृषि भूमि है तो किसी की गैर कृषि। विभिन्न परियोजनाओं के मामले में भूअर्जन को लेकर जो नीति बनी हुई है, जुराली के लोग भी उसी हिसाब से प्रक्रियाओं को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इसी फेर में विवाद कायम है। एनएच के लिए जमीन अर्जित करने का दबाव राज्य सरकार पर बना हुआ है। इसी कड़ी में कटघोरा एसडीएम रोहित सिंह, पोड़ी उपरोड़ा तहसीलदार और पुलिस बल यहां पहुंचा। अधिकारी अपने साथ जेसीबी व अन्य मशीनरी लेकर आए थे। प्रशासन की मंशा है कि संबंधित क्षेत्र को अपने कब्जे में लेने का काम किया जाए। खबर होने पर क्षेत्र के नागरिक यहां तामझाम के साथ पहुंच गए। इसके साथ ही हो हल्ला शुरू हो गया। लोगों ने अपने तेवर दिखाए और कहा कि हर हाल में बढ़ा हुआ मुआवजा मिलेगा तभी सडक निर्माण करने दिया जाएगा।

जुराली के प्रभावितों का कहना था कि वे 6 साल से जमीन के मसले को लेकर परेशान हैं। उनकी अपनी मांगें है और अपने तर्क हैं, लेकिन सिस्टम में बैठे अधिकारी इसे सुनने को तैयार नहीं हैं। उनका साफ तौर पर कहना है कि एक बार जमीन हाथ से जाने के बाद कोई विकल्प मौजूद नहीं रहेंगे। उनकी मांग है कि मार्केट रेट के हिसाब से उन्हें अपनी जमीन की कीमत चाहिए। इसके बाद ही किसी प्रकार का विचार हो सकेगा। अधिकारियों के साथ उनकी जमकर नोंकझोंक हुई। उन्होंने कहा कि कई प्रकरणों में समस्याएं बरकरार है। इसलिए पूरा मुआवजा मिले बिना वे काम शुरू नहीं होने देंगें।

जमकर बहसबाजी के बीच एसडीएम रोहित सिंह ने लोगों को समझाने का भरपूर प्रयास किया। उन्होंने एक विषय को लेकर कहा कि वे इस मामले में आखिर कुछ भी लिखकर नहीं दे सकते लेकिन लोगों को इतना जरूर कह सकते हैं कि जिन लोगों के नाम सर्वे से छूट गए हैं उसकी प्रक्रिया आज से ही शुरू कराई जाएगी। तीन महीने के भीतर इस काम को कराते हुए लोगों को मुआवजा दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले मुआवजा और उसके बाद निर्माण, यह सब कैसे मानी जा सकती है। एसडीएम ने कहा कि जो मुआवजा दिया जा रहा है लोग उसे विरोध के साथ ले लें फिर आपत्ति दर्ज कराएं।

जुराली के लोगों को लगता है कि भू अर्जन का मामला और मुआवजा को लेकर चल रही तकरार बहुत जल्द नहीं निपटने वाली है। इसलिए उन्होंने भविष्य को ध्यान में रखते हुए संबंधित क्षेत्र में ही कई प्रकार की योजनाओं पर काम शुरू किया है। सरकारी टीम के यहां पहुंचने पर लोग जरूरी संसाधनों के साथ पहुंचे। कुछ लोग अपने खेतों में आराम फरमाते नजर आए तो कई लोगों ने भोजन बनाने की व्यवस्था की। पूछताछ करने पर कहा गया कि आंदोलन की समयसीमा तय नहीं है। हो सकता है कि उन्हें काफी समय तक संघर्ष करना पड़ सकता है इसलिए यह सब किया जाना जरूरी है। लोगों ने कहा कि वे लड़ाई जारी रखेंगे।

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