पुलिस और आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाईः 600 लीटर महुआ शराब जप्त, 3000 किलो महुआ लहान किया गया नष्ट

कोरबा 23 सितंबर। कच्ची शराब बनाने और बेचने के नाम से कुख्यात हो चुके कोरबा जिले के पतरापाली गांव में सरकारी टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की। यहां पर केवल एक ही ठिकाने से बड़ी मात्रा में महुआ शराब मिली जिसे जप्त किया गया। जबकि महुआ लहान की बड़ी मात्रा को नष्ट कर दिया गया। इस सिलसिले में जो लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। यह वही गांव है जहां पर 3 वर्ष पहले आबकारी की टीम को लोगों ने बंधक बना लिया था और उसके बाद यहां जाने से सरकारी अमला खौफ खाता था।

सभी प्रकार की अवैध गतिविधियों की रोकथाम को लेकर सरकार ने अधिकारियों को निर्देशित कर रखा है और इसके अंतर्गत कार्रवाई करने को कहा है। इसके अंतर्गत लगातार काम किया जा रहा है। रविवार को सुबह कटघोरा पुलिस व आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्यवाही करते हुए ग्राम पतरापाली में सुबह 7 बजे दबिश दी। इस दौरान गाव में बड़ी मात्रा में कच्ची महुआ शराब बनाते हुए मौके पर धरपकड़ की। पुलिस व आबकारी विभाग की टीम को महुआ शराब बनाने का भऋा व बड़ी मात्रा महुआ लाहन बरामद किया गया। पुलिस ने अवैध शराब बनाने के भट्टे, शराब बनाने के बर्तन तथा महुआ लाहन को नष्ट किया। बताया गया कि पतरापाली से 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया। कटघोरा नगर निरीक्षक धर्म नारायण तिवारी ने बताया कि पतरापाली गाव के पास नदी किनारे छोटी छोटी झोपड़ी बनाकर अवैध कच्ची महुआ शराब बनाने के ठिकानों के बारे में जानकारी मिली थी जिसके बाद दबिश दी गई। इस कार्यवाही में टीम को 600 लीटर कच्ची महुआ शराब बरामद किया। 3 हजार 4 सौ किलो महुआ लाहन को नष्ट किया गया। बड़ी मात्रा में शराब और सहायक सामग्री के मिलने से अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां पर हर महीने बेहद बड़े स्तर पर अवैध काम को अंजाम दिया जा रहा होगा। आरोपियों को गिरफ्तार कर छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के तहत धारा 34ध्1 (क, ख), 34 (2), 59 (क) के तहत कार्यवाही की गई। इस बड़ी कार्यवाही में कटघोरा पुलिस व आबकारी विभाग की टीम का अहम योगदान रहा।

जानकारी मिली है कि काफी लंबे समय से इस गांव में अवैध महुआ शराब बनाने का काम बेखोफ तरीके से चल रहा है। अलग-अलग आयु वर्ग के लोग इस काम में लगे हुए हैं जो यहां पर शराब बनाने के साथ उसे यहां वहां मार्केटिंग भी किया करते हैं। निजी उपयोग के लिए 5 लीटर शराब बनाने की छूट का अनुचित फायदा यहां के लोग उठा रहे हैं। उनकी हरकतों के कारण यहां के साथ-साथ आसपास का वातावरण प्रदूषित बना हुआ है। इसके दुष्प्रभाव को लेकर चर्चा की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि 03 वर्ष पहले इस गांव में आबकारी विभाग की एक टीम ने शराब बनाने की सूचना मिलने पर कार्रवाई की थी। मौके पर शराब मिली थी और कुछ महिलाओं की भूमिका स्पष्ट हुई थी। उस दौरान ग्रामीणों ने आबकारी विभाग की टीम को बंधक बनाने की कोशिश की। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से उन्हें मुक्त किया जा सका। तब से यहां पर आबकारी की टीम ने जाने की हिम्मत नहीं की। अब जाकर उसका मनोबल बढ़ा।

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