आर्थिक स्वावलंबन की राह पर विकसित हो रहा महोरा गौठान

स्वसहायता समूहों को गौठान में संचालित आजीविका गतिविधियों से हो रहा मुनाफा

कोरबा. विकासखंड पोड़ी-उपरोड़ा के ग्राम पंचायत भांवर के आश्रित ग्राम महोरा के गौठान में विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित हो रहीं हैं। आर्थिक गतिविधियों से गौठान में काम करने वालीं विभिन्न महिला स्वसहायता समूहांे को आर्थिक लाभ मिल रहा है। हरे कृष्णा स्वसहायता समूह के द्वारा वर्मी खाद उत्पादन किया जा रहा है जिसमें पांच महिला जुड़ी हैं जिनके द्वारा कुल 165 क्विंटल वर्मीखाद का विक्रय किया गया है जिससे समूह को एक लाख 62 हजार रूपए का मुनाफा हुआ है। गौठान में महिला समूहों द्वारा गोबर से गमला, दीया, लकड़ी बाती भी बनाया जा रहा है। अभी तक कुल 400 नग की बिक्री भी हो चुकी है जिससे समूह को लगभग 12 हजार रूपए का लाभ हुआ है।

वर्तमान में समूह द्वारा मुर्गी पालन का काम भी किया जा रहा है। महोरा गौठान में धनलक्ष्मी स्वसहायता समूह द्वारा दोना-पत्तल बनाने का काम भी किया जा रहा है। समूह में दस महिलाएं हैं, अभी तक समूह की महिलाओं द्वारा बनाई गई चीजों को बेचने से 25 हजार रूपए की आमदनी भी प्राप्त हो चुकी है। इस समूह द्वारा अगरबत्ती, दीया, बाती का निर्माण भी किया जा रहा है।
महोरा गौठान में आर्थिक गतिविधियों में पूजा स्वसहायता समूह की दस महिलाएं भी लगी हुईं हैं। इस समूह द्वारा कोसा धागा निकालने का काम किया जा रहा है। समूह की महिलाओं को रेशम विभाग द्वारा कोसा धागा निकालने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। गौठान में सरस्वती स्वसहायता समूह की दस महिलाओं द्वारा मशरूम उत्पादन का काम भी किया जा रहा है।

उत्पादित मशरूम को बेचने से महिलाओं को लाभ भी प्राप्त होना शुरू हो गया है। साईं स्वसहायता समूह की दस महिलाओं द्वारा जैविक खाद पैकिंग करने के लिए उपयोग में आने वाली बोरी में प्रिंटिंग का काम भी किया जा रहा है। इस समूह के द्वारा क्षेत्र के सभी गौठानों में बोरी की सप्लाई की जाएगी। महोरा गौठान में चारागाह क्षेत्र में सब्जी उत्पादन के काम में छह स्वसहायता समूह की महिलाएं काम कर रहीं हैं। छह समूहों की 60 महिलाओं ने 36 हजार रूपए तक की सब्जी उत्पादन कर मुनाफा भी कमा चुके हैं। चारागाह क्षेत्र में लगी बाड़ी में पूरी तरह जैविक तरीके से खेती की जा रही है तथा किसी भी प्रकार के रसायन का उपयोग नहीं किया जा रहा है।

महोरा में गौठान समिति के द्वारा कृषि यंत्र सेवा केन्द्र, मिनी राईस मिल का संचालन भी किया जा रहा है। इस कार्य से गौठान समिति को 18 हजार रूपए से अधिक की आमदनी अभी तक हो चुकी है। समिति द्वारा गौठान क्षेत्र में मुर्गी पालन, मछली पालन तथा चारागाह क्षेत्र में चारा उत्पादन एवं फलदार वृक्षों का रोपण भी किया गया है।

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