कचांदी नाला के उपचार से खेतों में लहलहाई फसल.. सिंचाई रकबा 18 हेक्टेयर बढ़ा, 503 ग्रामीणों को मिला रोजगार
कोरबा. छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी ग्राम सुराजी नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी योजना ग्रामीणों की आजीविका संवर्धन और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सफल एवं प्रभावी साबित हो रही है। कोरबा मुख्यालय से करीब 15 कि.मी. दूर ग्राम पंचायत कोरकोमा में रामनगर के तुर्री मंदिर से निकला कचांदी नाला है, जो कि करीब 30 कि.मी. लंबा एवं बहुत पुराना है। नाला एवं उसके आस पास के क्षेत्र का जलस्तर लगातर कम होता जा रहा था, जिसें छ.ग. शासन की महात्वांकाक्षी योजना नरवा गरूवा घुरूवा बाड़ी योजना के तहत कचांदी नाला का उपचार किया गया जिसमें जल व मिटटी संरक्षण की संरचनाएं मनरेगा के तहत बनाई गई है।
मनरेगा के तहत ब्रशवुड, लूजबेल्डर, गलीप्लग, डबरी तालाब का निर्माण करके नाला उपचार किया गया है। नाले पर जगह-जगह बनी विविध संरचनाओं का सीधा लाभ ग्रामीणों को नाले में पानी भराव, एवं सिचांई सुविधा के रूप में मिल रहा है। सिचांई सुविधा मिलने से 18 हेक्टेयर सिचांई रकबा बढ गया है। नाले से कोरकोमा, मुढुनरा, बुंदेली, करूमौहा आदि ग्राम पंचायतों के किसानों को लाभ मिला रहा है। वहीं दूसरी ओर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी से बनाई गई जल संवर्धन की संरचनओं में 500 से अधिक ग्रामीणों को रोजगार मिला है। नाला उपचार के कार्यो से करीब छह हजार से अधिक मानव दिवस सृजित किये गये है।
नाले में पानी की कमी से पहले खेत खाली रहते थे लेकिन नाला उपचार के बाद अब नाले में पर्याप्त पानी है जिससे खेतो को सिचाई सुविधा मिल गयी है, सिचाई सुविधा मिलने से किसानो ने खेतों में एक साल में दूसरी फसल लगाई है, अब खेतों में फसल लहलहा रही है। फसल उत्पादन बढ़ने से गा्रमीणों का आजीविका संवर्धन हो रहा है। किसान कृष्णा, नरम साय, खुलेश्वर सिंह राठिया, जोगीराम राठिया का कहना है कि नरवा गरूवा धुरूवा बाड़ी छ.ग. सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, जिसमें नाला उपचार के तहत किये गये कार्यो से नदी नालों में पानी भरा रहेगा, भूमिगत जलस्तर में बढ़ोत्तरी होगी, इससे ग्रामीणों की अजीविका संवर्धन होने से ग्रामीण किसानों के जीवन में खुशियां आयेगी।