मनोकामना के दीपों से जगमगाए मां शेरावाली के दरबार

वासंती नवरात्र पर्व पर मंदिर में दर्शनार्थी श्रद्धालुओं की लगी कतार

कोरबा 10 अपै्रल। चौत्र प्रतिपदा के साथ ही हिंदू नववर्ष की शुरूवात मंगलवार को हो गई । शहर के प्रमुख सर्वमंगला मंदिर सहित जिले भर के विभिन्न देवी मंदिरों में घट स्थापना के साथ मनोकामना दीप प्रज्वलित किए गए। पहले दिन से ही आस्थावान श्रद्धालुओं कतार मंदिरों में लगी रही। मंदिरों ज्योतिकलश की रोशनी साथ वातावरण नवरात्र का उत्साह उमड़ पड़ा है। वासंती शक्ति पूजा चौत्र नवरात्र शुरू होने के साथ पूरा शहर गांव शक्ति की भक्ति में लीन हो गया है।

नवरात्र पर्व को लेकर श्रद्धालुओं में अपार उल्लास देखा जा रहा है। हिंदू नववर्ष की शुरूआत के अवसर पर लोगों ने एक दूसरे को शुभकामनाएं दी। नवरात्र पर्व को लेकर मंगलवार को मंदिरों में दीप ज्योति प्रज्वलित की गई। सर्वमंगला मंदिर में शुभ मुहुर्त में दीप प्रज्वलित करने की भक्तों में उत्साह रही है। सुबह से ही दर्शनार्थी भक्तों की मंदिर में कतार लग गई थी। ज्योति कलश प्रज्वलित करने के पूर्व विधि विधान से मंत्रोच्चार के बीच पूजा की गई जिसमें खासी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। ज्योति कलश के साथ जवारा कलश की स्थापना की गई। ज्योति कलश से जगमग देवी मंदिरों में नवरात्र पूर्ण होने से तक श्रद्धालुओं की भीड़ रहेगी । सर्वमंगला मंदिर की तरह भवानी मंदिर में में भी भक्तों ने देवी पूजा उपरांत मनोकामना दीप प्रज्वलित किया। देर शाम तक ज्योति कलश प्रज्वलित करने का क्रम जारी रहा। शाम को आयोजित मंगल आरती खासी संख्या में भक्तों की भीड़ देखी गई। शहर के कोसाबाड़ी स्थित शाकंभरी दरबार सिद्ध हनुमान मंदिर में भी आस्था के दीप प्रज्वलित किया गया। सुबह से शाम तक दर्शनार्थी भक्तों का तांता लगा रहा। नहर किनारे वैष्णव देवी दरबार मंदिर में श्रद्धालुओं की सुबह भीड़ लगी रही। मंदिर में निर्मित गुफा से प्रवेश कर मंदिर पहुंच कर भक्तों ने वैष्णवदेवी का दर्शन किया। शहरी क्षेत्र के मंदिरों के अलावा पर्वतीय क्षेत्रों के मंदिरों में भी देवी आस्था की ज्योति दर्शन के लिए भक्त पहुंचने लगे है। वनांचल क्षेत्रों पोड़ी उपरोड़ा के मातिन दाई व राज ग्वालिन मंदिर में भक्तिभाव से जवारा कलश की स्थापना की गई। बांगो दाई मंदिर में सुबह से ही भक्तों की कतार मंदिर में शुरू हो गई थी। ग्रामीण क्षेत्रों के देवी चौरा में नवरात्र पर्व का उत्साह देखते ही बन रहा। रंग- रोगन चौरे में जवारा कलश स्थापित की गई। पारंपरिक जसगीत गायन का दौर शुरू हो गया है। शहर के अलावा उपनगरीय क्षेत्र कटघोरा, बांकीमोंगरा, दर्री, पाली, चौतमा, जमनीपाली, बालको, पसान, तुमान, करतला के देवी मंदिरों में दीप प्रज्वलित किया गया।

मान्यता के अनुसार देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। नौ दिन तक चलने वाली वासंती नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा कर भक्त माता को प्रसन्न करते हैं। मां दुर्गा के नौ अवतार- मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां सिद्धिदात्री और मां महागौरी हैं। पहले दिन देवी के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा की गई। माना जाता है कि मां दुर्गा ने ये नौ स्वरूप अलग-अलग उद्देश्यों की पूर्ति के लिए धारण किए थे। मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा के दौरान नवदुर्गा के बीज मंत्रों का जाप करना भक्तों के लिए कल्याणकारी सिद्ध होता है।

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