अफरा – तफरी पर पर्दा डालने के लिए कोयला के स्टॉक में लगाई गई आग?
कोरबा 27 मार्च। रेलवे स्टेशन के मानिकपुर कोल साइडिंग के निकट कोयला स्टाक में भारी आग लग गई है। आग पर काबू पाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया जा रहा है, बल्कि सतही स्तर पर आग बुझाने की कोशिश की जा रही है। इसी वजह से संदेह हो रहा है कि कहीं हाल के दिनों में की गई कोयला की अफरा – तफरी पर पर्दा डालने के लिए क्या कोयला के स्टॉक में आग लगा दी गई है?
आपको बता दें कि गत 24 मार्च 2024 को ही न्यूज़ एक्शन ने मानिकपुर कोयला साइडिंग के पास से बड़े पैमाने पर कोयला की अफरा तफरी फिर शुरू होने की खबर का प्रकाशन किया था। इसके बाद यह आग लगने की घटना हुई है, जो स्वयं ही सन्देह के दायरे में आ जाता है।
उल्लेखनीय है कि कोरबा रेलवे स्टेशन के सेकंड एंट्री के पास कथित प्राइवेट साइडिंग के कोयले के स्टॉक में आग लग गई है। कोयला के स्टॉक में आग चारों तरफ फैल गई है, जिससे कंपनी के कर्मचारियों को आग बुझाने मशक्कत करनी पड़ी रही है। कंपनी के कर्मचारी आग पर काबू पाने के लिए गड्ढे में भरे पानी को कोयले के स्टॉक पर डाल रहे हैं, लेकिन इस नाकाम प्रयास से आग पर काबू नहीं पाया गया है। कोयले के स्टॉक से चारों तरफ से धुआं निकल रहा है।
बताया जा रहा है कि रेलवे साइडिंग पर कोयला स्टॉक करने के लिए एक निजी कंपनी को ठेका दिया गया है। जहां रेल परिवहन के दौरान मालगाड़ी से अतिरिक्त मात्रा में लोड कोयले को गिराकर स्टॉक किया जाता है, जिसे एडजस्टमेंट कहा जाता है।
जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह कोयले के स्टॉक से धुआं निकलता देखा गया। इसकी सूचना कंपनी के कर्मचारियों को मिली तो वे मौके पर पहुंचे। पाइप से पानी लेकर एक गड्ढे में भरा गया। जहां से पानी लेकर कर्मचारी आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक आग लगने की सूचना किसी कर्मचारी ने फायर ब्रिगेड की टीम को नहीं दी, जिससे दमकल कर्मी मौके पर नहीं पहुंच सके। स्थानीय लोगों ने कहा कि प्राइवेट साइडिंग रेलवे स्टेशन से लगा हुआ है। यहां आए दिन आग लगने की घटना सामने आती रहती है। कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है, क्योंकि मानिकपुर बाईपास मार्ग होने के चलते भारी वाहनों की आवाजाही लगी रहती है।
यहां आपको बताते चलें कि- दो माह पूर्व मानिकपुर साइडिंग से कोयला अफ़रा तफरी के मामले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला के निर्देश पर कार्रवाई की गई थी। मामले में तीन ट्रक कोयला जप्त कर आरोपी की गिरफ्तारी की गई थी। लेकिन दो माह बाद ही मानिकपुर साइडिंग से कोयला की अफ़रा तफरी फिर शुरू हो गई है। तस्करी के मामले में रेल प्रशासन और खनिज विभाग की भूमिका संदिग्ध है।