सिंचाई विभाग की जमीन पर बेजा कब्जा, कार्रवाई के लिए लिखा गया पत्र
राताखार नहर की जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण
कोरबा 17 फरवरी। नहर निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई जमीन पर निजी अवैध निर्माण कराए जाने के मामले में जांच उपरांत अब इसे हटाने की कार्रवाई जल्द की जाएगी।
सिंचाई विभाग द्वारा तहसील व जिला कोरबा में राताखार पुल के समीप हसदेव बांयी तट नहर निर्माण हेतु निजी भूमि खसरा नं. 18/3, रकबा 1.20 एकड़ में 0.47 एकड़ खसरा नंबर 43, 44 रकबा 0.33 एकड़ में से 0.20 एकड़ एवं 45 का रकबा 0.27 एकड़ का सम्पूर्ण रकबा 0.20 एकड़ भू-अर्जन किया गया था। हसदेव बांयी तट नहर निर्माण हेतु नहर के मध्य से दोनों तरफ बांयी एवं दांयी तट नहर की 45 गुणा 45 मीटर चौड़ाई जमीन अर्जित किया गया है।
बांयी तट नहर के बायीं तटबंध पर राजश्री इन्टरप्राईजेस भागीदार गोल्डी अग्रवाल के द्वारा विभाग में उपलब्ध नक्शे अनुसार औसतन 17 मीटर गुणा 800 मीटर पर सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध पक्का निर्माण किया जा रहा है। अवैध कब्जा कर पक्का भवन एवं अहाता निर्माण को तत्काल हटाने हेतु विधिसम्मत नोटिस 12 फरवरी को तामिल की गई। अनुविभागीय अधिकारी, (राजस्व) कोरबा के निर्देश पर राजस्व विभाग, जल संसाधन विभाग एवं गोल्डी अग्रवाल आदि की उपस्थिति में स्थल जांच किया गया।
बांयी तट नहर के आरडी 7920 मीटर पर तटबंध में पक्का निर्माण किया जा रहा है। आरडी 7920 मी. के समीप की भूमि का सीमांकन राजस्व विभाग के द्वारा 14 अगस्त 2020 को तहसीलदार कोरबा के द्वारा किया गया जिसमें उनके द्वारा सीमेंट से निर्मित नहर से 10 मीटर तक नहर की भूमि बताया गया है, जो गलत है। नहर के मध्य से चौड़ाई पूर्व की दिशा में 45 मीटर है, जिस पर अवैध कब्जा किया गया है जो कि शासकीय अभिलेख अनुसार खसरा नंबर 18/7, 18/3 व 43, 44 में से भूमि जल संसाधन का पाया गया है। विभाग के नक्शे के अनुसार औसतन 20 मीटर गुणा 20 मीटर पर पक्का भवन का निर्माण किया जा रहा है तथा 20 मीटर गुणा 60 मीटर में प्री कास्ट सीमेंट क्रांक्रीट से अहाता कर अवैध कब्जा/अतिक्रमण किया गया है। अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही राजस्व अमला, नगर पालिक निगम एवं जल संसाधन विभाग के समन्वय से किये जाने हेेत कोरबा एसडीएम को हसदेव बरॉज जल प्रबंध संभाग के कार्यपालन अभियंता द्वारा पत्र प्रेषित किया गया है।