लैंको पावर प्लांट नीलामी की प्रक्रिया अब होगी पूर्णः संयंत्र के आधिपत्य पर एनसीएलटी में अंतिम सुनवाई 10 फरवरी को

कोरबा 30 जनवरी। 600 मेगावाट लैंको अमरकंटक पावर प्लांट की चल रही नीलामी प्रक्रिया अब पूर्ण होने वाली है। दो साल से भी अधिक समय से लंबित इस मामले की 10 फरवरी को नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) हैदराबाद में अंतिम सुनवाई होगी।

कोरबा- चांपा मार्ग में ग्राम पताढी में 1337 एकड़ भूमि में लैंको की 300-300 मेगावाट की दो इकाइयां वर्ष 2008-09 से संचालित है। इसी परिसर में वर्ष 2012-13 में 660-660 मेगावाट की दो विस्तार परियोजना का निर्माण काम शुरू किया गया। इसकी जवाबदारी लैंको इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड (एलआइपीएल) को सौंपी गई थी। कंपनी ने पावर फाइनेंस कारपोरेशन से लगभग नौ हजार करोड़ रूपये ऋण लिया था। बताया जा रहा है कि प्रारंभ काल से ही लैंको संयंत्र से आंध्र प्रदेश 300 मेगावाट विद्युत आपूर्ति कर रही थी। गलत बिल के विवाद को लेकर बिल का भुगतान रोक दिया गया। इसके निर्माण के बीच ही कंपनी की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई और काम बंद करना पड़ा। करीब 70 प्रतिशत विद्युत संयंत्र का निर्माण कार्य हो चुका है। देनदारी का विवाद एनसीएलटी में पहुंच गया। नौबत संयंत्र के नीलामी की आ गई। 14,632 करोड़ के कर्ज में दबी यह कंपनी दिवालिया घोषित हो चुकी है। अदानी समूह ने 4,100 करोड़ रुपये व जिंदल ने 4,210 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। हालांकि जिंदल ने बाद में अपनी पेशकश वापस ले ली। इसके बाद कर्ज देने वाले केंद्र सरकार के उद्यम पीएफसी व बैंकों ने एनसीएलटी के समक्ष नए सिरे से बोली आमंत्रित करने की बात रखी। माना जा रहा है कि न्यायालय में सुनवाई के बाद लैंको के आधिपत्य पर फैसला हो जाएगा।

लैंको अमरकंटक पावर लिमिटेड को पहले खरीदने की रेस में अडानी पावर को नवीन जिंदल की कंपनी जिंदल पावर से कड़ी टक्कर मिल रही थी। जिंदल पावर ने तो लैंको अमरकंटक के लिए अडानी से बड़ी बोली भी पेश की थी। नवीन जिंदल की कंपनी अचानक रेस से बाहर हो गई है। लैंको अमरकंटक को खरीदने की रेस से जिंदल पावर द्वारा खुद को बाहर करने से अदानी पावर के लिए सौदा आसान हो गया है। लैंको वित्तीय संकट से जूझ रही है, जो अभी कारपोरेट इंसाल्वेंसी की प्रक्रिया से गुजर रही है। जिंदल पावर ने प्रक्रिया में दिलचस्पी दिखाते हुए 12 जनवरी को आवेदन किया था कि वह लैंको अमरकंटक की प्रस्तावित नीलामी प्रक्रिया में भाग लेना चाहती है। कंपनी ने 100 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी के साथ 16 जनवरी को 4,203 करोड़ रुपये का आफर पेश किया था।

नवीन जिंदल की कंपनी के बाहर होने के बाद अब लैंको अमरकंटक के संभावित खरीदारों की लिस्ट छोटी रह गई है। अब लैंको अमरकंटक के दावेदारों में अडानी पावर के अलावा मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और पावर फाइनेंस कारपोरेशन की अगुवाई वाला समूह शामिल है। तीनों पक्ष लैंको अमरकंटक के सौदे को अपने नाम करने के लिए प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे।
वहीं अडानी ने पहले लैंको अमरकंटक के लिए नवंबर 2023 में 3,650 करोड़ रुपये का आफर पेश किया था। बाद में अडानी ने अपने आफर को संशोधित किया था और 4,100 करोड़ रुपये का फाइनल आफर दिसंबर में पेश किया था। जिंदल पावर का आफर अडानी पावर के फाइनल आफर की तुलना में बेहतर था। हालांकि ईटी की एक रिपोर्ट में मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि जिंदल पावर ने अपनी बोली वापस लेने के लिए 23 जनवरी को अमरावती एनसीएलटी के पास अप्लाई किया। अडानी समूह की निगाहें दक्षिण भारत की ही आइएलएंडएफएस तमिलनाडु पावर कारपोरेशन लिमिटेड पर भी है। यह कंपनी भी दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही है। इसे खरीदने में अडानी समूह की बिजली कंपनी अडानी पावर ने दिलचस्पी दिखाई है। इसके लिए जिंदल पावर और वेदांता ने भी दिलचस्पी दिखाई है।

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