लापता युवक 10 वर्ष बाद योगी साधु बनकर लौटा , दस्तेयाब होते ही पुनः कर गया अयोध्या कूच
कोरबा 24 जनवरी। कोयलांचल के दीपका थानांतर्गत ग्राम तिवरता से 10 वर्ष पूर्व 2014 में अचानक महिपाल सिंह कंवर नामक युवक लापता हो गया था। इस दौरान गोरखपुर पीठाधीश्वर ने योगी सन्यासी का दीक्षा लेने के बाद परंपरा के तहत अपनी मां से भीक्षा लेने तिवरता पहुंचा, भीक्षा ले भी लिया लेकिन पड़ोसी द्वारा पहचाने जाने पर उसे दीपका पुलिस ने दस्तेयाब कर लिया। मगर गुरुदेव योगी जी का अयोध्या में रामलला के कार्यक्रम में बुलावा है कहते हुए वापस पुनः अयोध्या के लिए कूच कर गया।
जानकारी के अनुसार ग्राम तिवरता थाना दीपका निवासी युवक महिपाल सिंह कंवर तत्कालीन उम्र 27 वर्ष पिता मनहरण सिंह उर्फ गनपत सिंह कंवर अपने गांव से वर्ष 2014 में अचानक मन में विरक्ति आने पर लापता हो गया। यहां से वह बाहर निकल गया। उस दौरान उसके पिता मनहरण कंवर ने दीपका थाने में गुम इंसान क्रमांक 12.14 के तहत उसके लापता होने की गुम इंसान रिपोर्ट दर्ज करवा दिया। पुलिस एवं परिजन उसकी दो वर्षों तक खोजबीन करते रहे। अंततः जब उसके संबंध में दो-तीन वर्षों तक कोई जानकारी नहीं मिली तो उसकी खोजबीन करना बंद कर दिए थे। यहां तक कि उसके परिवार वाले उसे अब मृत हो गया होगा समझकर आगे अपने सामाजिक संस्कार करने की सोचने लगे थे।
बताया जाता है कि इसी बीच उक्त युवक एक अन्य योगी सन्यासी (गोदरिया बाबा) के साथ गोरखपुर से ग्राम तिवरता पहुंचा। वहां उसकी मां जो स्वर्ग सिधार गई थी जबकि उसके पिता का दो वर्ष पूर्व ही निधन हो चुका था, इनके जगह पर सौतेली मां राधा बाई तथा दो सौतेले भाई घर पर मौजूद थे। यहां उसने योगी सन्यासी परंपरा के अनुसार मां का भीक्षा लेना अनिवार्य होता है इस वजह से उसने सौतेली मां राधा बाई से भीक्षा ले लिया, वह पहचान भी नहीं पाई। मगर इस दौरान उक्त योगी साधु बने युवक से एक चूक हो गई कि वह पड़ोसी के घर गांजा पीने अपने सहयोगी योगी साधु के साथ चला गया। चूंकि जब वह 10 वर्ष पूर्व गांव में रहता था तो जिस पड़ोसी के यहां गांजा चीलम लेने गया था उसके साथ उस दौरान गांजा सेवन करता था। इसी वजह से वह उसे पहचान लिया। जिसकी जानकारी मोहल्ले वालों को दी। सभी लोगों ने उसकी शिनाख्त कर लिया जिसकी सूचना तत्काल दीपका थाने को दी गई। दीपका टीआई अश्वनी राठौर के निर्देश पर एएसआई अश्वनी निरंकारी ग्राम तिवरता पहुंचे और उपरोक्त गुम इंसान क्रमांक 12.14 के मामले में उसे दस्तेयाब कर खात्मा डाल दिया। लेकिन उस वक्त इस मामले में नाटकीय मोड़ आ गया जब उक्त सन्यासी युवक ने यह कहते हुए कि उसके गुरुदेव योगी आदित्यनाथ का अयोध्या रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न होने के बाद वहां के मंदिर में सेवा के लिए बुलावा आया है कहकर सबसे विदा लेकर वापस यूपी अयोध्या के लिए अपने सहयोगी के साथ कूच कर गया।