स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं देने पर बंद कराया काम
कोरबा 12 दिसम्बर। एसईसीएल में नियोजित आउटसोर्सिंग कंपनियों में स्थानीय बेरोजगारों के बजाय बाहरी लोगों की भर्ती पर रोक लगाने, खदान प्रभावितों को रोजगार की मांग करते हुए गेवरा खदान को छह घंटे तक बंद करा दिया। इससे मिट्टी खनन और कोयला परिवहन प्रभावित रहा।
पिछले दिनों सांकेतिक प्रदर्शन कर सौंपे गए ज्ञापन के आधार पर एसईसीएल प्रबंधन के साथ वार्ता हुई था इसमें एक सप्ताह में बेरोजगारों की भर्ती शुरू करने का आश्वासन दिया गया था, किंतु भर्ती शुरू नही होने से नाराज बेरोजगारों ने सोमवार को खदान में मिट्टी उत्खनन और कोयला परिवहन में लगी गाड़ियों को रोक दिया। आंदोलन के बीच गेवरा प्रबंधन व आउटसोर्सिंग कंपनियों के अधिकारियों द्वारा मौके पर पहुंचकर भू- विस्थापितों और स्थानीय बेरोजगारों की भर्ती शुरू का आश्वासन दिया, तब आंदोलन स्थगित किया गया। साथ ही कहा कि भर्ती नही किए जाने पर आगामी 19 दिसंबर से अनिश्चितकालीन खदान बंद किया जाएगा।
ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के नेता रुद्र दास महंत व संतोष ने बताया कि कोयला खदान विस्तार के लिए झूठा आश्वासन देकर किसानों की जमीन लिया जाता है और रोजगार, मुआवजा और बसाहट की समस्या का निराकरण नहीं किया जाता। युवा बेरोजगारों को उनका हक दिलाने के लिए संगठन द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। रुद्र दास महंत ने कहा कि ग्रामीणों को गुमराह करके मकानों का नापी के लिए बाध्य किया जा रहा है बसाहट के लिए ठोस योजना नही बनाई गई है। प्रभावित क्षेत्र से बाहर के लोगों की भर्ती जारी है।
स्थानीय बेरोजगारों को नौकरी नहीं मिलने पर 19 दिसंबर को आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान संतोष दास महंत ललित महिलांगे फूलेंद्र सिंह शब्बीर मेमन, व्यास नारायण, प्रीतम दास, जयराम दास, दीपक साहू, भूपेंद्र राठौर, भुनेश्वर राठौर, मोहन आकाश, राजेंद्र कुमार, शिवकुमार पटेल, प्रियांशु सोनी, रमेश पटेल, कालेश्वर पटेल, रामेश्वर पटेल, मनोज पटेल, दीपक केंवट, तिलक सोनी, योगेश, बृजलाल, अश्विनी, लोकेश्वर यादव, ईश्वर सिंह, अनिल, रामानुज, भागवत, अर्जुन, अमित, फिरोज, पवन, सरोज आनंद, राजन सिंह, बंती सिंह, भवानी शंकर, लखन महेंद्र पाल, सनत, खेमराज, लक्ष्मी चौहान समेत सैकड़ों बेरोजगार उपस्थित रहे।