रिकांडो रोड पर भारी वाहनों की जाम, जनता त्रस्त

कोरबा 22 नवम्बर। शहर का बुधवारी बाईपास मार्ग(रिकांडो मार्ग) समस्या मूलक बनी हुई है। यहां आए दिन लग रहे भारी वाहनों की जाम से जनता पूरी तरह त्रस्त है फिर भी जिम्मेदार विभाग के अधिकारी मुक दर्शक बनकर बैठे हुए । उनका ध्यान केवल अवैध वैसूली पर जनता को जाम को से होने वाली समस्या से उन्हे कोई लेना देना नही है।

जानकारी के अनुसार इन दिनों कोयला लदे भारी वाहनों का आना-जाना बुधवारी बाईपास मार्ग रिकांडो रोड से हो रहा है। जिनकी संख्या हजारों में रहती है। इस मार्ग पर आगे रेल्वे स्टेशन के पास रेल्वे का फाटक भी स्थित है। इस रेल्वे फाटक आए दिन बंद रहने से वाहनों की लंबी कतार सडक किनारे दोनों ओर रेल्वे से लेकर मुडापार अम्रैया होते हुए बुधवारी महाराणा प्रताप चौक पर लगी रहती है। इस दौरान वाहन चालक अपने वाहनो को बेतरतीब तरीके से खडे कर देते है। बेतरतीब वाहनो के कारण कई बार वाहनो की सडक में तीन-तीन, चार-चार लाईने लग जाती है। और जाम की स्थिति बनने के कारण लोगों को आने जाने में भारी कठिनायों का सामना करना पड़ता है। इस तरह की स्थिति खासकर गुरूघासी दास चौक कुछ ज्यादा की बनती है। सडक पर खड़े बेतरतीब वाहनो को व्यवस्थित कराने की जिम्मेदारी नियमतरू यातायाता पुलिस के अधिकारियों व जवानों की होती है। लेकिन यातायात पुलिस वाहनो को व्यवस्थित कराना तो दूर इस ओर झाक कर भी देखती उसका ध्यान केवल अवैध वसूली में ही रहता है। जब अवैध वसूली करना होता है तो यातायात पुलिस मार्ग पर पहुंचकर वाहन चालको से अवैध वसूली कर वापस चली जाती है। उनको भारी वाहनों तथा इसके कारण होने वाले जाम से जनता की परेशानियों से कोई लेना देना नही है। आज भी भारी वाहनों का जमावड़ा रिकांडो रोड पर मध्य रात्रि से लेकर दोपहर तक लगा । दोनों ओर गाडिया की लंबी कतार के कारण लोगों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन जिम्मेदार मौके पर पहुंचकर नियंत्रित करने के लिए नजर नही आए फलस्वरूप लोग काफी परेशान रहे।

इस मार्ग पर यह पहली घटना नही है कि इस तरह जाम लगा हो इसके पहले भी इस मार्ग में इसी तरह लगातार जाम जैसी स्थिति निर्मित होती रही है। लेकिन जिम्मेदार विभाग के अधिकारी समस्या का निराकरण करने पूरी तरह नाकाम नजर आ रहे है। हाल ही में विधानसभा चुनाव भी संपन्न हुआ है। सभी विधान सभा प्रत्याशी तमाम तरह के वादे लोगों से करते रहे है। लेकिन चुनाव ख्त्म होने बाद लोग किस तरह परेशान हो रहे है। यह तो किसी से छुपर नही है। लेकिन चुनाव में वादे करने वाले नेता ऐसी समस्याओं को लेकर पूरी तरह खामोश बैठे हुए है।

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